नोएडा पुलिस की चार टीमों ने 100 सीसीटीवी खंगाले, तब जाकर दिल्ली स्टेशन पर मिले  

टेस्ट में फेल हुए तो बनाई घर से भागने की प्लानिंग : नोएडा पुलिस की चार टीमों ने 100 सीसीटीवी खंगाले, तब जाकर दिल्ली स्टेशन पर मिले  

नोएडा पुलिस की चार टीमों ने 100 सीसीटीवी खंगाले, तब जाकर दिल्ली स्टेशन पर मिले  

Tricity Today | नैतिक ध्यानी आर्यन कुमार

Noida News : नोएडा के सेक्टर-56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल से दो छात्रों के गुम हो जाने के बाद पूरे स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया। जहां एक तरफ परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल तोह वहीं दूसरी तरफ स्कूल पर भी लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे थे।  गुरुवार को गायब होने के बाद परिजनों ने शुक्रवार को थाने में पहुंचकर खूब हंगामा काटा। पुलिस ने करीब 100 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक की। जिसके बाद पुलिस की टीम आनंद विहार पहुंची वहां से बच्चों बरामद किया। 

क्या था पूरा मामला 
पुलिस को दी शिकायत में गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी राजेंद्र ध्यानी ने बताया कि गुरुवार को उनका 13 साल का बेटा नैतिक ध्यानी अपने दोस्त आर्यन कुमार के साथ पढ़ने के लिए उत्तराखंड पब्लिक स्कूल गया था। स्कूल से छुट्टी होने के बाद जब दोनों बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिजन परेशान हो गए। स्कूल पहुंचकर जब प्रबंधन से छात्रों के परिजनों ने जानकारी मांगी तो बताया गया कि दोनों छात्रों ने गुरुवार को कक्षाएं ली हैं। स्कूल के आसपास की जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाने लगी तो एक फुटेज में दोनों छात्र स्कूल की ड्रेस पहने दिखे हैं।

दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन पर मिले 
सीसीटीवी की जांच में पता चला है कि दोनों बच्चों के परिजन स्कूल के मुख्य गेट पर खड़े थे पर छात्र पिछले के गेट से निकल गए। दोनों छात्र सेक्टर-25 स्थित मोदी मॉल के पास एक ई-रिक्शा में बैठे हुए दिखे हैं। फुटेज में दिखी नंबर प्लेट से पुलिस ने गाड़ी की पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस की टीम एक-एक सुराग लगाते हुए आनंद विहार स्टेशन पहुंची। वहां से दोनों छात्रों को सकुशल बरामद कर लिया गया। बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है। बच्चों से बातचीत और उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।

इंटरनल एग्जाम में फेल हुए दोनों छात्र 
सेक्टर-58 थाना प्रभारी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से जानकारी में पता चला कि आठवीं कक्षा की जो आंतरिक परीक्षा हुई थी उसमें दोनों ही छात्र फेल थे। सारे सब्जेक्ट में दोनों बच्चों के बेहद कम नंबर थे। रिजल्ट बच्चों को यह कहकर दिया गया था कि वह अपने पेरेंट्स से साइन कराकर लाएंगे। कई दिन बीत जाने के बाद भी दोनों छात्रों ने न तो रिजल्ट पर परिजनों के हस्ताक्षर कराए और न ही परिजनों को यह जानकारी दी वह कई विषय में फेल हो गए हैं।  परिजनों के डर से दोनों बच्चों ने घर से भागने की प्लानिंग बना ली टीचर्स डे के दिन वह स्कूल से निकलकर भाग गए।

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