निजी स्कूलों की मनमानी पड़ रही भारी, आरटीई पोर्टल पर अब तक सिर्फ 150 संस्थानों ने कराया रजिस्ट्रेशन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

गौतमबुद्ध नगरः निजी स्कूलों की मनमानी पड़ रही भारी, आरटीई पोर्टल पर अब तक सिर्फ 150 संस्थानों ने कराया रजिस्ट्रेशन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

निजी स्कूलों की मनमानी पड़ रही भारी, आरटीई पोर्टल पर अब तक सिर्फ 150 संस्थानों ने कराया रजिस्ट्रेशन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Google Image | जिले में निजी स्कूल आरटीई के तहत दाखिले से बच रहे हैं

कोरोना महामारी से रूकी जिंदगी एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है। जनजीवन सामान्य हो रहा है। विद्यालय खुल रहे हैं। शैक्षणिक गतिविधियां चालू हो गई हैं। लोग बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों में आने-जाने लगे हैं। हालांकि गौतमबुद्ध नगर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अभिभावकों पर भारी पड़ रही है। जिले के ज्यादातर निजी स्कूलों ने अब तक (शिक्षा का अधिकार) आरटीई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है। जबकि सत्र 2021-22 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। 

दरअसल आरटीई के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूल में मुफ्त दाखिला मिलता है। इसका खर्च राज्य और केंद्र सरकारें वहन करती हैं। इसके तहत बच्चों के एडमिशन का सपना संजोए अभिभावन स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। मगर उन्हें कुछ ठोस हासिल नहीं हो रहा है। नए सत्र के लिए एक मार्च से आरटीई पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएगा। अप्रैल में ड्रॉ कराया जाएगा और मई तक एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 

सिर्फ 150 संस्थानों ने किया है रजिस्ट्रेशन
गौतमबुद्ध नगर में अब तक 1400 में से सिर्फ 150 निजी स्कूलों ने पंजीकरण कराया है। दरअसल आरटीई में दाखिले से पहले शिक्षा विभाग स्कूलों की सूची तैयार कर इसके तहत उपलब्ध सीटों का आंकड़ा तैयार करता है। शुरुआत में प्राइवेट स्कूल बच्चों को दाखिला नहीं देते थे, पर सरकारी लाभ हासिल कर रहे थे।

इसीलिए शिक्षा का अधिकार की प्रक्रिया में संशोधन किया गया और विद्यालयों को स्वयं आरटीई पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का आदेश दिया गया। पारदर्शिता लाने के लिए फीस जमा करने की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है। पिछले सत्र में पंजीकृत कुल 1400 स्कूलों में से बमुश्किल से 150 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 

दाखिला देने में करते हैं आनाकानी 
जिले के प्राइवेट स्कूल प्रबंधक आरटीई के नियमों का मजाक बना रहे हैं। पिछले सत्र में जिले में आरटीई के तहत 4000 आवेदन आए थे। मगर इनमें से सिर्फ 2500 बच्चों को ही दाखिला दिया गया था। बाकी के चयनित छात्र अब तक एडमिशन के लिए स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। उनका पूरा साल बर्बाद हो गया। अब नए सत्र के दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ऐसे में पुराने सत्र के छात्रों को मौका मिलना चुनौतीपूर्ण होगा। 

फंस रहा है अल्पसंख्यक का पेंच
पिछले सत्र 2020 में जिले के कई निजी स्कूलों ने स्वयं को अल्पसंख्यक बताकर आरटीई के तहत दाखिला देने से इन्कार कर दिया था। हालांकि बाद में दस्तावेजों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रही। इन वजह से इन स्कूलों की लिस्ट में शामिल बच्चों को एडमिशन नहीं मिल सका। उनका एक साल बर्बाद हो गया। अब तक के हालात बता रहे हैं कि इस वर्ष भी अभिभावकों को पिछले साल जैसी परेशानी झेलनी पड़ेगी। अब तक ज्यादातर संस्थानों ने शिक्षा विभाग कार्यालय में अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है।

नए सत्र में एडमिशन से जुड़ी तिथियां -
आवेदन पत्र भरने की तिथि : 1 मार्च, 2021
आवेदन पत्र भरने की आखिरी तिथि : 31 मार्च, 2021
लॉटरी : अप्रैल, 2021
प्रवेश : मई, 2021

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