कम उम्र में ही नशे की लत लगाने की कोशिश करते हैं माफिया, विदेश से जुड़े तार बढ़ा रहे चिंता

Noida Rave Party : कम उम्र में ही नशे की लत लगाने की कोशिश करते हैं माफिया, विदेश से जुड़े तार बढ़ा रहे चिंता

कम उम्र में ही नशे की लत लगाने की कोशिश करते हैं माफिया, विदेश से जुड़े तार बढ़ा रहे चिंता

Tricity Today | Symbolic

Noida News : नोएडा की सुपरनोवा सोसायटी की नशा पार्टी पुलिस की व्यवस्था और समाज की फिसलन का जीता-जागता उदाहरण है। जो जानकारियां और माहौल की तस्वीरें सामने आई वो और भी ज्यादा चौंकाने वाली थी। इस घटना के कई वीडियो सामने आए, जो सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गए। इन्हें देखकर हर कोई हैरत में पड़ा हुआ है कि जिन लड़कों की मूंछें भी ढंग से नहीं फूटी, वे नशे के कारण अपने पैरों पर मुश्किल से खड़े हो पा रहे थे। 

युवाओं की उम्र बीस साल के करीब
वीडियो में लड़के दीवार के सहारे खड़े होकर बात करते नजर आते हैं। लड़कियां खुद को अपनी उम्र से कहीं बड़ा साबित करने की कोशिश करती दिखीं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फ्लैट में में मिले सभी लड़के और लड़कियों की औसत उम्र 21 साल होगी। पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये नोएडा कि एमिटी यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, चंड़ीगढ़, फरीदाबाद, सोनीपत और दिल्ली के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ते हैं। ये बीए, बीएससी, बी.टेक और बीकॉम के स्टूडेंट्स हैं।

विदेशी नागरिकों की बड़ी पहुंच
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने करीब तीन साल पहले देश के इतिहास की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप ग्रेटर नोएडा में पकड़ी थी। पिछले साल गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ा था। करीब चार महीने पहले ग्रेटर नोएडा के एक घर में नशीले पदार्थ बनाते हुए नाइजीरियाई नागरिक पकड़े गए थे। विदेशों से पढ़ने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आने वाले छात्रों के साथ असामाजिक तत्व भी चले आते हैं। कई बार विदेशी लोगों को खुलेआम नशीले पदार्थ खरीदने का ऑफर करते देखा जा चुका है, लेकिन विदेशी होने के नाते पुलिस आसानी से इन पर  हाथ नहीं डालती। 

ग्रेनो में 100 करोड़ की ड्रग पकड़ी थी
इस साल अप्रैल में ग्रेटर नोएडा पुलिस ने सेक्टर ओमिक्रोन वन के मकान में अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। इसमें चार नाइजीरियाई नागरिक गिरफ्त में आए थे। पुलिस ने इनके पास से 26 किलोग्राम एमडीएमए ड्रग्स, ड्रग्स बनाने के उपकरण, सप्लाई में इस्तेमाल होने वाली दो कारें बरामद की थी। उस समय ड्रग्स की कीमत 100 करोड़ आंकी गई थी। 50 करोड़ का कच्चा माल भी बरामद हुआ था। इसके बाद भी विदेशी नागरिक घूमकर नशीले पदार्थ बेचते देखे गए। इनमें से कई अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। पुलिस ने तब खुलासा किया था कि इनका पूरा नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर के छात्रों को ड्रग्स की लत लगवा रहा था। गिरोह दिल्ली-एनसीआर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशाना बनाता था। 

सबने बनाए अलग बहाने 
पूछताछ में एक छात्र ने बताया कि वह अपने दोस्त को लेने आया था। किसी ने बताया कि उन्हें उनके दोस्त ने फोन करके पार्टी में बुलाया था। एक ने बताया कि उसे उसकी गर्लफ्रेंड ने फ़ोन किया था। वह उसे पिक करने आया है। सभी ने अपने बहाने बनाए। ज्यादातर लड़के और लड़कियां आपस में गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड हैं। सभी ने शराब पी रखी थी या दूसरा नशा कर रखा था।

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