सरकार लिफ्ट एक्ट पास करे, बढ़ते हादसों से डरे शहर के लोग

योगी जी ! गौतमबुद्ध नगर वालों की सुनो : सरकार लिफ्ट एक्ट पास करे, बढ़ते हादसों से डरे शहर के लोग

सरकार लिफ्ट एक्ट पास करे, बढ़ते हादसों से डरे शहर के लोग

Google Image | Yogi Adityanath

Noida News : गौतमबुद्ध नगर के जुड़वां शहरों नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट से जुड़े हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते हाईराइज हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वाले लोग दहशतज़दा हैं। अब शहर के लोग उत्तर प्रदेश सरकार से 'यूपी लिफ्ट एंड एलिवेटर्स बिल' पास करने की मांग कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस बिल का ड्राफ्ट कई साल पहले लोक निर्माण विभाग ने तैयार किया था। इसे अब तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश किया गया है।

बढ़ रहे हैं हादसे लेकिन कोई जवाबदेह नहीं
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।

प्राधिकरण की ऑडिट पॉलिसी में भी लिफ्ट नहीं
नोएडा की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन और तमाम दूसरे सामाजिक संगठन सालों से लिफ्ट एक्ट पास करने की मांग कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडेय ने कहा, "इस दिशा में राज्य सरकार ने शुरूआती कदम उठाकर मसले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है। पिछली बोर्ड बैठक में नोएडा अथॉरिटी ने हाइराइज इमारतों के लिए स्ट्रक्चर ऑडिट पालिसी लागू की है। यह पॉलिसी जल्दी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी लागू करने जा रहा है लेकिन इस पॉलिसी में लिफ्ट से जुड़ा कोई प्राविधान नहीं है।"

मामूली सी गलती बन सकती है बड़े हादसे की वजह
कन्फेडरेशन ऑफ एनसीआर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कोनरवा) के अध्यक्ष पीएस जैन ने कहा, "नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद समेत वेस्ट यूपी के तमाम शहरों में हाइराइज इमारत बन रही हैं। हमारे यहां तो लिफ्टों की संख्या बहुत ज्यादा है। गौतमबुद्ध नगर के लिए तो लिफ्ट एक्ट लागू होना बहुत जरूरी है। लिफ्टों का प्रॉपर मेंटेनेंस हो सके। किसी लिफ्ट में मामूली सी खराबी बड़ी घटना की वजह बन सकती है।

लिफ्ट में एआरडी अनिवार्य की गई
फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, "लिफ्ट्स में हो रहे हादसों को रोकने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 2015 में कुछ कदम उठाए थे। मसलन, सभी लिफ्टों में ऑटोमेटिक रेस्क्यू डिवाइस (एआरडी) लगाना अनिवार्य कर दिया था। इसको लगाए बिना बिल्डर को कंपलीशन सर्टिफिकेट देने की मनाही है। इस पर कितना अमल हुआ है, यह कभी प्राधिकरण ने नहीं बताया है। यह एक डिवाइस है, जो लिफ्ट को गिरने से रोकती है। यह डिवाइस दो फ्लोर के बीच लगी होती है। यदि लिफ्ट का सॉफ्टवेयर फेल हो जाए तो ऑटोमेटिक कुशन के साथ लिफ्ट के लिए बेस तैयार करती है। जिससे लिफ्ट रुक जाती हैं।"

पांच साल से फाइलों में है लिफ्ट्स बिल का ड्राफ्ट
लोक निर्माण विभाग ने साल 2018 में 'लिफ्ट एंड एस्केलेटर्स एक्ट' का ड्राफ्ट तैयार करके राज्य सरकार को भेजा था। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिफ्टों और एस्केलेटरों के उचित रखरखाव और कार्य प्रणाली के लिए नियम निर्धारित करना था। लेकिन पांच साल हो गए हैं ड्राफ्ट को आगे बढ़ाने के लिए कोई हलचल नहीं हो रही है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सहित भारत के कई राज्यों में लिफ्टों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए ऐसे कानून हैं। महाराष्ट्र में तो यह कानून साल 1939 में बनाया गया था।

शहर में लिफ्ट से जुड़े बड़े हादसे
02 दिसंबर 2022 : ग्रेटर नोएडा की एस्पायर सोसाइटी में 8 साल का बच्चा 10 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। अब तक बच्चा दहशतजदा है।
30 नवंबर 2022 : गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक की एसोटेक हाऊसिंग सोसायटी में 3 बच्चियां लिफ्ट में 20 मिनट तक फंसी रहीं।
05 अक्टूबर 2022 : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पैरामाउंट इनोशंस सोसायटी में 10 साल का बच्चा लिफ्ट में 45 मिनट तक फंसा रहा।
12 सितंबर 2022 : लॉ रेजिडेंसिया सोसायटी में दो महिलाएं समेत 6 लोग 20 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे थे।
25 जुलाई 2022 : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एलिगेंट विला सोसायटी में 135 घंटे लिफ्ट खराब रही। टॉवर में रहने वाले लोग कई दिन कैद रहे।

लिफ्ट टूटना, गिरना और फंसना आम बात
इनके अलावा शहर की एसोटेक स्प्रिंग सोसायटी में 15 मिनट तक शख्स फंसा रहा। साया जिओन सोसायटी में दो बच्चे लिफ्ट में फंसे रहे। प्रिस्टोन सोसायटी में पति और पत्नी दोनों लिफ्ट में फंस गए। पाम ओलंपिया में सोसायटी में आधे में एक किशोर घंटे तक लिफ्ट में फंस गए। कुल मिलाकर लिफ्ट्स के टूटने, फंसने और गिरने की सैकड़ों वारदात हो चुकी हैं।

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