बैंकों से परेशान लाखों लोग खा रहे धक्के, आरबीआई में शिकायतों का ढेर

नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्ट ने किया खुलासा : बैंकों से परेशान लाखों लोग खा रहे धक्के, आरबीआई में शिकायतों का ढेर

बैंकों से परेशान लाखों लोग खा रहे धक्के, आरबीआई में शिकायतों का ढेर

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Noida News : नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर ने बड़ा खुलासा किया है। रंजन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से कुछ सूचनाएं मांगी थीं। जिनसे पता चला है कि बैंकों और आर्थिक अपराधों से त्रस्त लाखों लोग इंसाफ पाने के लिए धक्के खा रहे हैं। इनकी शिकायतों के ढेर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में लगे हुए हैं। हर साल लाखों शिकायत मिल रही हैं, जिनमें से मामूली संख्या में लोगों को राहत मिल पा रही है। ऐसे में देश की अदालतों की तरह आरबीआई में भी पेंडिंग मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

आर्थिक
अपराध बढ़ा रहे शिकायतों का अम्बार

नोएडा के समाजसेवी और अधिवक्ता रंजन तोमर ने देशभर में लगातार बढ़ रहे आर्थिक अपराधों और इससे जुडी शिकायतों पर आरबीआई से सूचना मांगी। तोमर ने आरबीआई से पूछा कि पिछले पांच वर्षों में बैंकिंग ओम्बड्समैन स्कीम के तहत आरबीआई को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उनमें से कितने मामलों का निस्तारण हो पाया हैं। इसके जवाब में आरबीआई ने अप्रैल 2021 से मार्च 2022 वित्तीय वर्ष के बीच की जानकारी साझा की हैं। जिसके अनुसार इस एक वर्ष में 1,83,887 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसमें से 69,245 का निस्तारण ही आवश्यक धाराओं के अनुसार हो पाया है, जो कुल शिकायतों का मात्र 38 प्रतिशत है। इसके बाद एक चौंकाने वाला आंकड़ा अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक का है। उन 8 माह की अवधि में लगभग पिछले वित्त वर्ष जितनी शिकायतें आरबीआई को प्राप्त हुई हैं। जिसकी कुल संख्या 1,70,480 है। इनमें से अब तक निस्तारित शिकायतों की संख्या 27,405 है, जो कुल 16 प्रतिशत ही है।

बैंक मैनेजर नहीं करते समस्याओं का समाधान
रंजन तोमर का कहना है कि यह जानकारी विचलित करने वाली हैं। आरबीआई के पास शिकायतों का ढेर बढ़ता जा रहा है। जिनका निस्तारण मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार को कोई कोई उपाय ढूंढने पड़ेंगे, जिनसे जनता को राहत मिले। नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक अभी शिकायतों का नंबर बढ़ेगा  और निस्तारित शिकायतों का प्रतिशत बढ़ना बेहद मुश्किल लग रहा है। अपराधों और शिकायतों के बढ़ने में मात्र आर्थिक अपराधी ही नहीं बल्कि बैंक मैनेजर भी ज़िम्मेदार हैं। बैंक मैनेजर समस्याओं का निस्तारण अपने स्तर पर नहीं कर रहे हैं। कई बार मैनेजर ही भ्रष्ट होते हैं और बिना पूरे कागज़ों के लोन आदि दे देते हैं। आर्थिक अपराध भी लगातार बढ़ रहा है। इसके लिए सरकार और आरबीआई को कोई नई नीति बनानी होगी। जिससे समस्या का आरबीआई से पहले ही समाधान हो सके।

अपील आरबीआई में की जा सकती है
आरबीआई अपने जवाब में यह भी कहता है कि यदि शिकायतकर्ता आरबीआई शिकायत के निस्तारण के बाद भी संतुष्ट नहीं है अथवा शिकायत रिजेक्ट हो जाती है  तो वह इसकी अपील आरबीआई में दाखिल कर सकता है। जिसके लिए 30 दिन के भीतर अपील ऑनलाइन अथवा आरबीआई के मुंबई ऑफिस में पत्राचार से दाखिल की जा सकती है। इस वजह से भी आरबीआई में शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस पूरे मैकेनिज्म को दुरुस्त करने की जरूरत है।



 

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