Noida : कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस और बदमाशों के बीच सोमवार की देर रात को हुई मुठभेड़ में एक बदमाश के पैर में गोली लग गई। जिससे वह घायल हो गया, जबकि दूसरा बदमाश फरार हो गया। घायल बदमाश को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है। जबकि फरार बदमाश की पुलिस तलाश कर रही है।
एसीपी-2 नोएडा जोन रजनीश वर्मा ने बताया कि सोमवार रात करीब 10:30 बजे कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस नोएडा स्टेडियम के पास जलवायु विहार के सामने चेकिंग कर रही थी, तभी सामने से बिना नंबर प्लेट की मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति आते दिखाई पड़े। पुलिस ने जब उनको रोकने की कोशिश की तो वह भागने का प्रयास करने लगे। इस पर पुलिस ने उनको घेर लिया, जिसके बाद बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें बाइक सवार एक बदमाश पैर में गोली लगने से घायल होकर गिर पड़ा। जबकि दूसरा बदमाश उसके पीछे आ रही कार में बैठकर मौके से फरार हो गया। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
घायल बदमाश की पहचान शाहरुख उर्फ चना निवासी मेरठ के रूप में हुई है। पूछताछ में बदमाश ने बताया की वह कबूतर गैंग (गुलफाम गैंग) का शातिर सदस्य हैं। उसके द्वारा वाहन चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया गया है। फिलहाल पुलिस ने घायल बदमाश को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया है। वही फरार बदमाश परमजीत (पम्मी) की तलाश की जा रही है। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश के पास से बिना नंबर प्लेट की एक मोटरसाइकिल, एक तमंचा और कारतूस बरामद किया है।
कबाड़ी परमजीत मनपसंद गाड़ी करवाता है चोरी
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि दिल्ली के मायापुरी का रहने वाला परमजीत उर्फ पम्मी दिखावे के लिए कबाड़ का व्यवसाय करता है। वह कबूतर गैंग का सक्रिय सदस्य है। खास बात यह है कि पम्मी शातिर वाहन चोरों के साथ मौके पर जाकर पहले गाड़ी की रैकी कर गाड़ी पसंद करता है और बाद में उनसे गाड़ी चोरी करवा कर उन्हें बेच देता है। जो गाड़ियां बिक नहीं पाती हैं उन्हें वह कटवा देता है।
पुलिस ने बताया कि 1 जुलाई को कोतवाली सेक्टर 24 पुलिस ने कबूतर गैंग के मुखिया गुलफाम को हारून, साजिद, यूसुफ और अमित के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने उस समय आरोपियों से चोरी की 10 लक्ज़री कार बरामद की थीं।
दो राज्यों की पुलिस को थी शाहरुख की तलाश
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश शाहरुख उर्फ चना 9 मुकदमों में वांटेड चल रहा था। इसमें से 5 नोएडा और चार दिल्ली में दर्ज हैं। आरोपी पर अलग-अलग जगह पर वाहन चोरी और अन्य मामलों के करीब 20 मुकदमें दर्ज हैं जिसमें पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
फार्च्यूनर और इनोवा थीं पहली पसंद
पुलिस ने बताया गिरफ्तार बदमाशों के निशाने पर लक्ज़री गाड़ियां ही होती थीं। इनमें फॉर्च्यूनर और इनोवा इनकी पहली पसंद होती थी और इन गाड़ियों को बदमाश "कबूतर" बोलते थे। इसके चलते गैंग का नाम "कबूतर गैंग" पड़ गया। बदमाश चोरी की गाड़ियों को बिहार, आसाम समेत नार्थ ईस्ट के कई राज्यों में बेच देते थे। गाड़ी की कंडीशन के हिसाब से यह लोग चोरी किया गया एक वाहन तीन से सात लाख में बेचते थे।