नोएडा स्टेडियम में फुटबॉल ट्रायल के नाम पर लाखों रुपए हड़पे, खिलाड़ियों ने किया बवाल

बड़ी खबर : नोएडा स्टेडियम में फुटबॉल ट्रायल के नाम पर लाखों रुपए हड़पे, खिलाड़ियों ने किया बवाल

नोएडा स्टेडियम में फुटबॉल ट्रायल के नाम पर लाखों रुपए हड़पे, खिलाड़ियों ने किया बवाल

Tricity Today | खिलाड़ियों ने किया बवाल

नोएडा स्टेडियम में बुधवार को देशभर से 100 से अधिक युवा राष्ट्रीय फुटबॉल ट्रायल में भाग लेने आए। यहां आने के बाद ट्रायल के फर्जी होने की जानकारी मिली। स्थानीय फुटबॉल संघ के पदाधिकारियों ने ट्रायल कराने वाले लोगों से संपर्क किया लेकिन उनका फोन स्वीच ऑफ मिला। जिसके बाद नोएडा स्टेडियम में खिलाड़ियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

दरअसल, स्मॉल साइड ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के तत्वावधान में यह ट्रायल होना था। कोलकाता, चंडीगढ़, सोनीपत, चंडीगढ़, जालंधर, हरियाणा, लखनऊ और बुलंदशहर सहित कई शहरों से 250 से भी ज्यादा फुटबॉलर ट्रायल देने आए। ट्रायल करवाने के लिए भी दो युवक भी आए। जिन्होंने सभी खिलाड़ियों से 100-100 रुपए ट्रायल के लिए लिया। इस ट्रायल की जानकारी जिला फुटबॉल संघ को भी दी गई। संघ के महासचिव और दिल्ली फुटबॉल संतोष ट्राफी के चेयरमैन अनादि बरुआ भी स्टेडियम पहुंचे। दोनों ने ट्रायल देने आए बच्चों से बात की। ट्रायल बंद करा दिया गया। इसके बाद आयोजकों से खिलाड़ियों की राशि वापस कराई गई। 

सोशल मीडिया पर मिली जानकारी
कोलकाता के न्यू टाउन से आए जयघोष ने बताया कि हमें इस ट्रायल के बारे में इंस्टग्राम से जानकारी मिली थी। इसपर दिए गए नंबर पर बातचीत की और नोएडा आ गया। अब इसपर दिए गए नंबर पर बातचीत नहीं हो रही है। आने जाने में मेरे 5 हजार रुपये खर्च हो गए। राशि उधार लेकर आया था। अब दुखी मन से वापस जा रहा हूं। कोलकाता के ही जयदीप बताते हैं कि नोएडा स्टेडियम पर आने के बाद पता चला कि यह ट्रायल सही नहीं है। यहां दो लोगों ने इसके बारे में बताया। खिलाड़ी सपने लेकर खेलने आते हैं। हमलोगों के साथ धोखा हुआ है।

नोएडा स्टेडियम में हुआ बवाल
जिला फुटबॉल संघ के महासचिव वाजिद अली ने बताया कि "ट्रायल के लिए कई खिलाड़ी नोएडा स्टेडियम आए थे। उनसे राशि ली गई। फुटबॉल संघ के आशुतोष गौर और त्रिलोकी ने स्टेडियम से इसकी जानकारी दी। जांच में पाया गया कि ट्रायल करने वाली संस्था पूरी तरह से फर्जी है। दिल्ली फुटबॉल के अनादि बरुआ भी वहां पहुंचे। ट्रायल नहीं हुआ। खिलाड़ियों के पैसे वापस दिलाया गया। आयोजकों का मोबाइल बंद है। इस ट्रायल की शिकायत ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से भी की गई है।''

स्कॉलरशिप की बात कह दिया लालच
ट्रायल के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप देने का लालच दिया गया था। ट्रायल देने आए जयघोष ने बताया कि मुझे बताया गया था कि अगर ट्रायल में सफल हुए तो स्कॉलरशिप मिलेगा। सफल नहीं होने की स्थिति तीन महीने के लिए 60 हजार रुपये देने होंगे। इसके बाद खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलाने के लिए तैयार किया जाएगा। जयघोष ने बताया कि ट्रायल नहीं होने के बाद जब आयोजकों से संपर्क करना चाहा तो कॉल नहीं लगी। 

सोशल मीडिया से खिलाड़ियों को मिली जानकारी
इस ट्रायल के बारे में खिलाड़ियों को सोशल मीडिया से जानकारी मिली। इसके बाद खिलाड़ियों ने इस संस्था की वेबसाइट पर जाकर अन्य जानकारी ली और ट्रायल के लिए आ गए। सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी में ट्रायल की तिथि, स्थान, संस्था का नाम और लोगों दिया गया है। साथ ही भारत सरकार के लोगो का भी उपयोग किया गया है। ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट होने का स्थान हिमाचल प्रदेश के मनाली को बताया गया है।

पहले भी नोएडा स्टेडियम में हुए हैं फर्जी ट्रायल
तीन साल पहले भी नोएडा स्टेडियम में ओलंपिक के तर्ज पर कई खेलों के ट्रायल के लिए 500 से अधिक खिलाड़ियों को बुलाया गया था, लेकिन ऑनलाइन पैसा लेने के बाद आयोजक आए ही नहीं। बाद में खिलाड़ियों ने हंगामा किया था। साथ ही स्टेडियम प्रबंधन ने आयोजकों पर एफआईआर भी कराई थी। इस ट्रायल में खिलाड़ियों की राशि वापस नहीं मिली थी।

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