Noida News : भारत में फर्जी आईडी पर सिम लेकर कंबोडिया, नेपाल, हांगकांग और थाईलैंड में साइबर ठगों को सप्लाई करने वाले वांटेड जालसाज को नोएडा एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी साइबर गैंग का सक्रिय सदस्य है। गिरोह के कई सदस्यों को एसटीएफ पहले गिरफ्तार कर चुकी है।
क्या है पूरा मामला
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला कि 32 वर्षीय राहुल सिन्हा वर्ष 2014 तक जमशेदपुर में बीएसएनएल से लेकर टाटा टेलीकॉम सर्विसेज में सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर काम किया है। इसके बाद वह कोलकाता आ गया। कोलकाता में भी उसने कई टेलीकॉल सर्विसेज में काम किया। वर्ष 2022 में उसका संपर्क नेपाल निवासी सुनील खड़का से हुआ। सुनील को पहले ही एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है। सुनील नेपाल, कंबोडिया से लेकर थाइलैंड समेत देशों में कॉल सेंटर चलाता था। इसके लिए सुनील को भारत के एक्टिवेटेड सिम की जरूरत होती थी। इस काम में राहुल सिन्हा उसकी मदद करने लगा और साइबर फ्रॉड गैंग में शामिल हो गया।
10 हजार भारतीय सिम विदेश भेजे
गिरफ्तार राहुल जब अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह में जुड़ गया तब उसे 10 हजार भारतीय सिम को एक्टिवेट कराकर नेपाल, थाईलैंड, कंबोडिया आदि देशों में भेजना था। इसमें से लगभग पांच सौ सिम इसने साइबर जालसाजों को उपलब्ध कराया था। कई सिम बिसरख पुलिस ने बरामद किया था।
गिरोह करता है भारतीय नागरिक को टारगेट
दरअसल इस पूरे साइबर गिरोह का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है और इनके टारगेट पर भारतीय नागरिक होते हैं। इन्हीं लोगों को ठगने के लिए विदेश में चल रहे कॉल सेंटर संचालकों को भारतीय सिम की आवश्यकता होती है। जो इस फ्रॉड का सबसे अहम टूल है। इस मामले में नेपाली नागरिक सुनील खड़का महत्वपूर्ण कड़ी है। सुनील खड़का ने गिरफ्तार राहुल सिन्हा के खातों में 32 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं। एसटीएफ टीम इस प्रकरण की जांच में जुटी है।