एमिटी में मॉलेक्यूलर मेडिसिन और स्टेम सेल रिसर्च पर टीचर एनरिच्मेंट प्रोग्राम, डा.शशि बाला सिंह ने कहा- हमें उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों की जरूरत

महामंथन: एमिटी में मॉलेक्यूलर मेडिसिन और स्टेम सेल रिसर्च पर टीचर एनरिच्मेंट प्रोग्राम, डा.शशि बाला सिंह ने कहा- हमें उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों की जरूरत

एमिटी में मॉलेक्यूलर मेडिसिन और स्टेम सेल रिसर्च पर टीचर एनरिच्मेंट प्रोग्राम, डा.शशि बाला सिंह ने कहा- हमें उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों की जरूरत

Tricity Today | ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन हुआ

  • वर्तमान समय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से शिक्षा में विकासशील और वृहद परिवर्तन हुआ है
  • शिक्षकों के विकास के लिए इस प्रकार के शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आवश्यक हैं
  • नई शिक्षा नीति को अच्छी तरह लागू करने के लिए नीति, रणनीति और रोड मैप बनाना होगा
Noida News: एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च ने ‘‘सेलुलर और आण्विक बायोमेडिसिन में अत्याधुनिक विज्ञान’’ विषय पर ऑनलाइन पांच दिवसीय शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम रविवार को सम्पन्न हो गया। इस समापन समारोह में हैदाराबाद की राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की निदेशिका डा.शशि बाला सिंह, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा.अशोक कुमार चौहान, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा.डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा.बीसी दास ने सम्बोधन किया। इस पांच दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम मे यूएसए, जर्मनी, इटली, ब्राजील, साउथ अफ्रीका और सिंगापूर सहित देश के विभिन्न आईआईटी, आईआईएससीआर, आईआईएससी, आईसीएमआर सहित विभिन्न उद्योगों से 30 से अधिक विद्वान शामिल हुए।

हमें डिजिटल तकनीकों ने अपार संभावनाएं दीं : डा.शशि बाला
समापन समारोह में हैदाराबाद के राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की निदेशिका डा.शशि बाला सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, "वर्तमान समय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से शिक्षा में विकासशील और बृहद परिवर्तन हुआ है। इस लचीली नीति में डिजिटल तकनीकी को महत्व दिया गया है। आज तकनीकी से ज्ञान प्राप्त करके देश का विकास हो रहा है। शिक्षकों के विकास के लिए इस प्रकार के शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आवश्यक हो जाते हैं।" डा.सिंह ने कहा कि एमिटी समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा.चौहान शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी हैं। शिक्षा को नई उंचाईयों पर ले जा रहे हैं। शिक्षा के विकास के लिए संरचना, मानव संसाधन, वित्त और शासन आवश्यक है।


उन्होनें कहा कि शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम कई स्तर पर सहायक होते हैं। शोध बहुविषयक होते हैं। इसलिए अधिक से अधिक लोगों से जुड़े और शोध क्षेत्रों पर चर्चा करें। नई शिक्षा नीति ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बृहद परिवर्तन किया है। शोध और नवोन्मेष को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अकादमिक और उद्योगों के मध्य मजबूत गठबंधन आवश्यक है। छात्र, संस्थान और राष्ट्र विकास के लिए शिक्षकों की उच्च गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है। शिक्षा का डिजिटलाइजेशन भी जरूरी है। नई शिक्षा नीति को अच्छी तरह लागू करने के लिए नीति, रणनीति और रोड मैप बनाना होगा। शिक्षा का उददेश्य छात्रों को अच्छा इंसान बनाना है। जो राष्ट्र विकास में सहायक हों। डा.सिंह ने राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

देश का विकास शिक्षा और शोध के बिना संभव नहीं : अशोक चौहान
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा.अशोक कुमार चौहान ने कहा, "किसी भी देश का विकास बिना शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन दिए संभव नहीं है। छात्रों के प्रश्नों के निवारण के लिए शिक्षकों का अपडेट रहना आवश्यक है। आज डा.शशि बाला सिंह के मार्गदर्शन ने हम सभी को प्रभावित किया है।" डा.चौहान ने कहा कि विश्व में भारतीय मस्तिष्क का कोई मुकाबला नहीं है और हमारी बुद्धिमता और कार्यप्रणाली को विश्व मान्यता मिल रही है। 

एमिटी यूनिवर्सिटी में बहु-विषयक शोध पर जोर : डा.डब्लू सेल्वामूर्ती
एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा.डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा, "डा.शशि बाला सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग कर रही हैं और शोध को नई उचांईयां प्रदान कर रही हैं। सेल्वामूर्ती ने एमिटी विश्वविद्यालय के शोध विषयों और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी के बारे में बताया। राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर कार्य करने पर जोर दिया। एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा.बीसी दास ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पांच दिवसीय इस ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम में कैंसर स्टेम सेल, टिश्शु इंजिनियरिंग, मॉलेक्युलेर मेडिसिन, ड्रग डिजाइनिंग, औषधि खोज, कैंसर इर्न्फोमेटिक्स, नैनोमेडिसिन, जीन एटिडिंग, आईपीआर और उद्यमिता में ‘‘सेलुलर और आण्विक बायोमेडिसिन में अत्याधुनिक विज्ञान’’ पर चर्चा की गई। इस शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश-विदेश के संस्थानो से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों से डा.तपन पटेल, डा.काज़ी मोहम्मद सैयद जमाल, डा.सतनाम सिंह, डा.सुशीला लंका और डा.विजया चित्रा ने अपने अनुभव साझा किए। इन लोगों ने शिक्षक संर्वधन कार्यक्रम से प्राप्त लाभों के बारे में बताया। इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के प्रोफेसर डा.धुव्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर डा.पल्लवी अग्रवाल और असिस्टेंट प्रोफेसर डा.सोनिया कपूर ने किया।

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