कमिश्नर ने एनआरआई दंपत्ति का ठिकाना वापस दिलाया, बुजुर्ग बोले – ‘थैंक्यू नोएडा पुलिस’

सराहनीय: कमिश्नर ने एनआरआई दंपत्ति का ठिकाना वापस दिलाया, बुजुर्ग बोले – ‘थैंक्यू नोएडा पुलिस’

कमिश्नर ने एनआरआई दंपत्ति का ठिकाना वापस दिलाया, बुजुर्ग बोले – ‘थैंक्यू नोएडा पुलिस’

Google Image | Noida Police

पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस की कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव आया है। इसकी वजह से लोगों में पुलिस की छवि भी बदल गई है। हर छोटी-बड़ी मदद के बाद निवासी नोएडा पुलिस को धन्यवाद देने से नहीं चूकते। बुधवार को भी एक बुजुर्ग एनआरआई ने नोएडा पुलिस आयुक्त, एडीसीपी रणविजय सिंह और पुलिस टीम का सोशल मीडिया पर आभार जताया है। लोग उनके ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए नोएडा पुलिस के बेहतरीन कार्यों की सराहना कर रहे हैं। हर कोई पुलिस के इस कार्य की तारीफ कर रहा है।

नोएडा के सेक्टर-12 के डी ब्लॉक में रहने वाले सरबजीत सिंह मिन्हास अपनी पत्नी के साथ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रहते हैं। नोएडा में उनके पिता संसार सिंह अकेले रहते थे। उनकी देखभाल के लिए सरबजीत ने नर्स और घरेलू सहायिका काम पर लगाया था। घरेलू सहायिका रुखसार नोएडा के सेक्टर-9 की झुग्गी में रहती थी। साल 2016 में सरबजीत के पिता का देहांत हो गया था। तब वह नोएडा आए थे और जनवरी, 2017 तक अपने घर रहे। तब सरबजीत से सहायिका ने कहा कि वह अपने बच्चों के साथ उनके घर में रहेगी और घर की देखभाल करेगी। उसकी माली हालत और पूर्व पहचान को देखते हुए सरबजीत ने उसे सपरिवार घर में रहने की अनुमति दे दी। फिर वह अमेरिका चले गए।  घरेलू सहायिका ने जमाया अवैध कब्जा
मगर उनका यह फैसला उनके लिए घातक साबित हुआ। उनकी गैर-अनुपस्थिति में सहायिका ने धीरे-धीरे उनके घर पर कब्जा जमा लिया। दंपति लौटे तो उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। नोएडा के एडीसीपी रणविजय सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरबजीत के जाने के कुछ दिन बाद ही सहायिका ने घर में अनैतिक और अवैधानिक कार्य शुरू कर दिया। पड़ोसियों ने इसकी सूचना सरबजीत को दी। वह लॉकडाउन से ठीक पहले नोएडा आए और घर खाली करने के लिए कहा। इस पर घरेलू सहायिका और उसके बेटे ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने घर के सभी कमरों में ताले लगा दिए। 

पुलिस कमिश्नर से की शिकायत
लॉक डाउन की वजह से पीड़ित को पुलिस की सहायता नहीं मिल सकी। हवाई यातायात खुलने के पश्चात फरवरी, 2021 में उनकी पत्नी भी नोएडा आ गईं। घरेलू सहायिका और उसके सगे-संबंधियों ने उनकी पत्नी के साथ भी मारपीट की। उनका मोबाइल तोड़ दिया। थकहार कर दंपति ने नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह से मामले की शिकायत की। उन्होंने एडीसीपी रणविजय सिंह को घर खाली कराने की जिम्मेदारी दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि सहायिका और उसके बेटे घर में अनैतिक कार्य करते थे। उन्होंने बुजुर्ग दंपति से मारपीट की थी। 

दंपत्ति को वापस मिला
कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घर सहायिका से खाली करा लिया है और दंपति के हवाले कर दिया है। एडीसीपी ने बताया कि दरअसल कुछ भूमाफिया मामले में सक्रिय थे और वह घरेलू सहायिका की मदद कर रहे थे। पुलिस उनके बारे में जानकारी जुटा रही है। उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घरेलू सहायिका और उसके बेटे के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू होगी। इससे जुड़ी धाराओं में मामला पंजीकृत किया गया है।

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