Tricity Today | सभी बड़े निजी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है
मार्च में 564 संक्रमितों के मिलने के बाद प्रशासन सतर्क
सभी बड़े अस्पतालों में फिर से कोविड केयर बनाया जाएगा
जिम्स, शारदा और जिला अस्पताल पर रहेगा ज्यादा दारोमदार
जनपद में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अस्पतालों में फिर से कोविड-19 सेंटर बनाने का फैसला लिया है। कम संख्या के बाद जिले के सिर्फ दो हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा था। लेकिन अब सभी बड़े अस्पतालों को तैयार रहने का आदेश दिया गया है। बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर में मार्च महीने में फरवरी के मुकाबले साढ़े तीन गुना नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं।
कम संख्या के बाद बंद हुए थे सेंटर
दरअसल पिछले साल नवंबर के बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी। इस वजह से नए साल के पहले महीने, जनवरी में ज्यादातर निजी अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज बंद कर दिया गया था। सिर्फ दो प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोविड-19 केयर रखा गया। जिनमें बेड की संख्या 100 से कम कर दी गई। फरवरी महीने में 179 मरीजों की पुष्टि हुई थी। जबकि मार्च महीने में यह आंकड़ा करीब साढ़े तीन गुना बढ़ गया और पिछले महीने जिले में 564 संक्रमित पाए गए।
तेजी से बढ़ते मरीजों ने बढ़ाई परेशानी
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग एहतियात बरतते हुए सभी बड़े निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहने का निर्देश दे चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि जनपद में संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। पिछले महीने में 550 से ज्यादा नए मामले मिले हैं। ऐसे में सभी हॉस्पिटल मैनेजमेंट को भविष्य में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। अगर संक्रमित लोगों की संख्या में कमी नहीं आती है, तो 1 हफ्ते से 10 दिनों में कई निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
दो सरकारी अस्पतालों में चल रहा है इलाज
फिलहाल जिले में 2 सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। दोनों अस्पतालों में करीब 300 बेड रिजर्व रखे गए हैं। नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित जिला अस्पताल और ग्रेटर नोएडा के जिम्स में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फिलहाल जिले में 126 मरीज होम आइसोलेशन में और करीब 200 मरीजों का अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। दरअसल कम संक्रमितों की संख्या को देखते हुए कोविड-19 केयर से डॉक्टरों को दूसरे चिकित्सकीय विभागों में भी भेज दिया गया था। लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फिर से कोविड-19 हॉस्पिटल में उनकी तैनाती की जाएगी।
सभी बड़े हॉस्पिटल को तैयार रहने को कहा गया है
बताते चलें कि मार्च महीने में गौतमबुद्ध नगर में कोरोना मरीजों की संख्या 564 रही है। यह संख्या पिछले साल मई में मिले मरीजों के आंकड़े से भी ज्यादा है। इसको देखते हुए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। फिलहाल नोएडा के दो निजी अस्पतालों यथार्थ और फोर्टिस हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फोर्टिस हॉस्पिटल में पहले 40 बेड कोविड-19 के लिए थे, जिन्हें घटाकर 20 कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा शहर के जेपी, कैलाश, शारदा और प्रकाश अस्पतालत सहित सभी बड़े हॉस्पिटल को फिर से कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश जारी किया गया है।
शारदा अस्पताल में 380 बेड रिजर्व रखे गए
सीएमओ डॉक्टर दीपक ओहरी ने बताया कि एहतियातन पहले से ही तैयारियां तेज कर दी गई है। ताकि अचानक मरीज ज्यादा मिलने की स्थिति में उनका सही ढंग से इलाज किया जा सके। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमितों के लिए 380 बेड का इंतजाम किया गया है। शासन ने इस अस्पताल को रिजर्व रखा है। जरूरत पड़ने पर कोविड-19 मरीजों को यहां इलाज के लिए भेजा जाएगा। जिला प्रशासन ने 3 दिन पहले ही नोटिस जारी कर इस हॉस्पिटल को फिर से शुरू करवाया था। जबकि सेक्टर -39 स्थित हॉस्पिटल में पहले से ही मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जिला हॉस्पिटल में 390 और जिम्स में 215 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व है।