मेरा बाबू बीमारी से नहीं मरा, अस्‍पताल ने मार दिया, पति के लिए मांगी ऑक्सीजन तो आबरू पर डाला हाथ

नोएडा की महिला की आपबीती : मेरा बाबू बीमारी से नहीं मरा, अस्‍पताल ने मार दिया, पति के लिए मांगी ऑक्सीजन तो आबरू पर डाला हाथ

मेरा बाबू बीमारी से नहीं मरा, अस्‍पताल ने मार दिया, पति के लिए मांगी ऑक्सीजन तो आबरू पर डाला हाथ

Tricity Today | नोएडा की महिला की आपबीती

कोरोना संक्रमण के कारण फैली महामारी से पूरी इंसानियत जूझ रही है, लेकिन इंसानियत को खतरा केवल वायरस से नहीं, इंसान की शक्ल में हमारे बीच बैठे हैवानों से भी है। इंसानियत इस कदर दफन हुई कि श्मशान घाट में कफ़न चोरी शुरू कर दी। लाशों को कंधे मयस्सर नहीं, चंद मील की दूरी पर कब्रिस्तान और श्मशान तक लाशें पहुंचाने के लिए 25 हजार रुपये चाहिए। कुछ तो नकली इंजेक्शनों की भी कालाबाजारी कर रहे हैं। मतलब, जीने की उम्मीद ही खत्म।

अब आप दिल पक्का करके नोएडा की रहने वाली रूचि रौशन की आपबीती पढ़िए। यह बेचारी अपने पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोशन चंद्र दास के साथ होली का त्यौहार मनाने बिहार में भागलपुर अपने मायके गई थीं। वहां पति और मां को कोरोना ने जकड़ लिया। उसके बाद जो इनके जीवन में तूफ़ान आया है, ऐसा भगवान किसी के साथ नहीं करे। अस्पताल के डॉक्टर और वॉर्ड ब्वॉय ने पति को ऑक्सीजन देने या देखभाल करने के लिए न केवल पैसा लिया बल्कि आबरू पर हाथ डाल दिया।



रुचि रोशन अपने पति रोशन चंद्र दास को प्यार से बाबू कहकर बुलाती थीं। भागलपुर से पटना तक चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से रुचि और बाबू का साथ छूट गया। महज 10 दिन बाद दोनों की शादी की सालगिरह आने वाली है। सालगिरह भागलपुर में घर पर ही मनाने का प्लान बनाया था। चिकित्सकों की एक लापरवाही ने पूरे परिवार को एक झटके में धराशाई कर दिया।

पति आईसीयू में थे नहीं तो चप्पल खोल कर मारती
मीडिया के सामने बिलख-बिलख कर रुचि रोशन ने कहा, "मेरा बाबू बीमारी से नहीं मारा है। अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और अव्यवस्था से जान गई है। मैंने भागलपुर से पति को बेहतर इलाज के लिए पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मेरे पति आईसीयू वार्ड में एडमिट थे। कोई देखने वाला नहीं था।" रुचि ने कहा कि हॉस्पिटल का सीनियर डॉ.अखिलेश भी गलत नजर से देखता था। आईसीयू में आते-जाते वक्त चिकित्सक शरीर को टच करता था। ऐसे में काफी गुस्सा आता था और चप्पल खोलकर मारने का मन करता था, लेकिन पति आईसीयू में भर्ती थे और हालत गंभीर होने के कारण चुप रही।

सिलेंडर बेचने के लिए ऑक्सीजन बंद कर देते थे
रुचि ने कहा, "राजेश्वर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन को लेकर काफी लापरवाही बरती गई। डेढ़-डेढ़ घंटे तक ऑक्सीजन बंद रहता था। वह बाजार से ज्यादा दर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करती थी। चिकित्सकों की लापरवाही इस कदर कि डॉक्टर ऑक्सीजन मास्क नाक में लगाने के बाद पाइप जोड़ना भी भूल गया। जब पति ने मिस कॉल दिया तो अंदर जाकर देखें तो हम भी दंग रह गए। अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देते थे, जिससे सिलेंडर की कालाबाजारी की जा सके।

नोएडा के चिकित्सक की सलाह पर सिटी स्कैन हुआ
रुचि रोशन ने कहा कि कोरोना की जांच एंटीजन किट और आरटी-पीसीआर से कराई थी। दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद, नोएडा की  परिचित डॉक्टर कल आप पर पति का सिटी स्कैन कराया था। सिटी स्कैन में फेफड़े में संक्रमण निकला था, जो इलाज के बाद ठीक हो जाता। रुचि रोशन के साथ पहले ग्लोकल हॉस्पिटल के कंपाउंडर ने अश्लील हरकत की। इसके बाद बाद भी महिला चुप रही। मेडिकल अस्पताल गई। यहां सही तरीके से इलाज नहीं हुआ। थक हार कर एंबुलेंस से पटना गई। पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल में भी डॉक्टर ने भी अश्लील हरकत की।

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