Noida News : नोएडा का हवाला कांड बहुत तेजी के साथ बड़ा रूप लेता जा रहा है। पिछले करीब 4 दिनों में बहुत बड़े-बड़े खुलासे हुए हैं। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि उन्होंने 200 करोड़ से अधिक की धांधली के सबूत जुटा लिए हैं। इसका मतलब साफ है कि नोएडा और पूरे एनसीआर में 5 या 10 करोड नहीं बल्कि 200 करोड़ रुपए का हवाला का कारोबार होना था। इस मामले में काफी कंपनियां और बड़े लोग आयकर विभाग की रडार पर आ गए हैं। काफी लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
धींगरा प्रॉपर्टीज के दफ्तर में एक करोड़ का कैश मिला
दरअसल, नोएडा पुलिस की स्पेशल टीम और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में स्थित धींगरा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर छापा मारा था। जहां पर एक करोड़ का कैश बरामद हुआ। जांच में पता चला है कि इनको डेढ़ करोड़ रुपए में बदलने की तैयारी चल रही थी। ब्लैक मनी को वाइट मनी करने का प्रयास किया जा रहा था। नोएडा में ब्रोकर माध्यम से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह जानकारी हासिल की और ग्रेटर कैलाश में छापा मारा था।
8 लोगों के मोबाइल की जांच शुरू
बताया जा रहा है कि नोएडा में जो 8 हवाला कारोबारी गिरफ्तार किए गए हैं। उनका नेटवर्क केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी है। उसको लेकर लगातार पूछताछ की जा रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 8 लोगों के मोबाइल को कब्जे में लेकर उनकी हिस्ट्री निकाली शुरू कर दी है। इस मामले में दिल्ली इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोएडा और लखनऊ की 8 टीमें लगाई गई है। जिसमें काफी आईपीएस अधिकारी भी शामिल है। बताया जा रहा है कि नोएडा में केवल सवा करोड़ रुपए बरामद हुआ, लेकिन यह हवाला का धंधा 200 करोड़ रुपए का है।
ब्लैकमनी को व्हाइट करने वाला रैकेट
काले धन को सफेद करने वाले पर आयकर विभाग की कड़ी नजर है। इसी अभियान के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और नोएडा पुलिस ने यह जॉइंट ऑपरेशन किया। जिसकी बदौलत दिल्ली की पॉश कॉलोनी में एक करोड़ रुपए का काला धन पकड़ में आया। नोएडा की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन टीम ने पिछले एक हफ्ते में यह चौथी बड़ी सफलता हासिल की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि धींगरा प्रॉपर्टीज कंपनी में दस्तावेजों की जांच-पड़ताल रविवार की दोपहर बाद 3:00 बजे शुरू हुई। कंपनी के डायरेक्टर और उच्चाधिकारी धन का स्रोत बताने में असफल रहे हैं। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट धींगरा प्रॉपर्टी से जुड़ी अन्य कंपनियों की भी जांच करेगा। आयकर विभाग का कहना है कि '2 का 3' स्कीम के तहत यह दूसरा केस सामने आया है।