नोएडा के सरकारी स्कूलों में सफाईकर्मी तैनात करे प्राधिकरण, सामाजिक संस्था ने सीईओ को लिखा खत

बात तो जायज है : नोएडा के सरकारी स्कूलों में सफाईकर्मी तैनात करे प्राधिकरण, सामाजिक संस्था ने सीईओ को लिखा खत

नोएडा के सरकारी स्कूलों में सफाईकर्मी तैनात करे प्राधिकरण, सामाजिक संस्था ने सीईओ को लिखा खत

Tricity Today | CEO Ritu Maheshwari

  • - नोवरा ने कहा- सरकारी विद्यालयों में नोएडा सफाईकर्मी  दे, स्कूलों का बुरा हाल
  • - गांवों में तैनात कर्मचारी सफाई नहीं करते, क्योंकि उनके करार में नहीं है यह प्रावधान
  • - गांव वाले स्कूलों में सफाई करने को कहते हैं तो ठेकेदार करते हैं नजरअंदाज 
Noida News : नोएडा के गांवों में पंचायत खत्म हो गई हैं। सामाजिक सेवाएं देने की जिम्मेदारी अथॉरिटी के पास है, लेकिन सरकारी स्कूल बदहाल हैं। स्कूलों में सफाई तक नहीं हो रही है। शहर की समाजसेवी संस्था नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन (नोवरा) ने प्राधिकरण के सामने यह मुद्दा उठाते हुए एक मांग रखी है। संगठन का कहना है कि गांवों के सरकारी विद्यालयों में सफाईकर्मी नहीं आते हैं। उसका मूल कारण प्राधिकरण और ठेकेदारों के बीच का करार है। जिसमें सरकारी विद्यालयों में सफाई कर्मियों को अलग से नियुक्त करने की शर्त नहीं है। लिहाजा, अथॉरिटी इस समस्या का समाधान करे। संस्था की ओर से मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी को पत्र लिखा गया है।

नोवरा के अध्यक्ष एडवोकेट रंजन तोमर ने कहा, "नोएडा विकास प्राधिकरण और गांव में सफाई कर्मचारी तैनात करने वाली एजेंसियों के बीच हुए करार में गांव के विद्यालयों की सफाई करने का जिम्मा शामिल है, लेकिन सरकारी विद्यालयों में अलग से सफाई कर्मियों को नियुक्त करने की शर्त अलग से नहीं है। जिसके कारण ठेकेदार सरकारी विद्यालयों की सफाई के लिए सफाई कर्मी नियुक्त नहीं करते हैं। गांव में सफाई करने वाले कर्मचारी स्कूलों में जाकर नहीं सकते हैं। वह केवल गांव की गलियों में साफ सफाई करके पल्ला झाड़ लेते हैं। जिस कारण स्कूलों में गंदगी और समस्या उत्पन्न हो रही है। अगर ठेकेदार से सफाई कर्मचारियों की शिकायत की जाती है तो उनका जवाब संतोषजनक नहीं होता है।"

संस्था के अध्यक्ष रंजन तोमर ने आगे कहा, "नोएडा में 81 गाँवों में सैंकड़ो सरकारी विद्यालय हैं। ऐसे में प्राधिकरण को चाहिए कि इस समस्या का समाधान करे। चाहे बॉन्ड में बलदाव किया जाए या फिर ठेकेदारों को चेतावनी देकर नियमित रूप से स्कूलों में सफाई करवाई जाए।फिर चाहे तो विकास प्राधिकरण किसी और तरीके से पर इसका समाधान करे लेकिन यह बेहद ज़रूरी है, क्यूंकि सरकारी विद्यालयों में शहर का भविष्य पढता है। जिसे स्वच्छता का पाठ अपने आसपास से ही समझने को मिलता है। साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आने के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी के प्रयास हमें स्वच्छता को अपनी आदत बनाना और संस्कृति में ढालना सिखाते हैं। इन प्रयासों को सच को सार्थक बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में स्वच्छता नितांत आवश्यक है।"

रंजन तोमर ने बताया कि समस्या को लेकर उन्होंने मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी को पत्र भेजा है। साथ ही इस बारे में नोएडा के विधायक पंकज सिंह को भी जानकारी दी है। विधायक ने समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है। आपको बता दें कि नोएडा शहर के 81 गांव में वर्षों पहले ग्राम पंचायत खत्म हो गई हैं। ऐसे में सिविल सर्विसेज की जिम्मेदारी नोएडा अथॉरिटी के जिम्मे है। प्राधिकरण नहीं गांव में सफाई कर्मचारी नियुक्त किए हैं। यह सफाई कर्मी निजी एजेंसियों और ठेकेदारों के माध्यम से गांव में काम करते हैं।

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