नोवरा ने प्राधिकरण सीईओ से की मांग, भंगेल में बने पार्किंग और अट्टा में फुटओवर ब्रिज

नोएडा : नोवरा ने प्राधिकरण सीईओ से की मांग, भंगेल में बने पार्किंग और अट्टा में फुटओवर ब्रिज

 नोवरा ने प्राधिकरण सीईओ से की मांग, भंगेल में बने पार्किंग और अट्टा में फुटओवर ब्रिज

Tricity Today | नोवरा ने सीईओ ऋतू माहेश्वरी को सौंपा ज्ञापन

Noida : शनिवार को नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्राधिकरण की सीईओ ऋतू माहेश्वरी से मिला। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। संस्था ने लोगों की समस्याओं से सीईओ को अवगत कराया। सीईओ ने सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया और उन्हें निस्तारण करने का आश्वासन दिया।

व्यापारियों को होगा फायदा
संस्था के अध्यक्ष रंजन तोमर और उपाध्यक्ष अजय चौहान ने कहा कि सर्वप्रथम भंगेल में बन रहे एलिवेटेड रोड के नीचे सलारपुर से लेकर भंगेल तक प्राधिकरण अधिकृत पार्किंग बने। जिससे वहां के व्यापारियों को सालों से हो रहे नुक्सान की भरपाई हो सके और खरीदारों के लिए मार्केट में आना सुगम हो सके। जैसे ही रोड तैयार हो जाए तो पार्किंग को अमल में लाया जाए। इसमें भंगेल आरडब्लूए की सहमति भी शामिल है।

गांव की रखी समस्या
इसके बाद अट्टा ग्राम विकास समिति एवं नोवरा के सदस्य विकास अवाना के माध्यम से अट्टा गांव की समस्याओं को रखा गया। जिसमें मांगे रखी गई कि अट्टा बारात घर का पुनर्निर्माण और साथ ही पार्किंग बनाई जाए। इसके आलावा शर्मा मार्किट और सावित्री मार्किट के बीच फुटओवर ब्रिज की मांग भी संस्था द्वारा रखी गई। दरअसल, अट्टा से सेक्टर-18 जाने वाले लोग गैरकानूनी कटों से रोड पार करते हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। कई बार लोग गंभीर रूप से भी घायल हुए हैं।

शौचालयों की व्यवस्था ठीक नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों में बने सार्वजानिक शौचालयों की देख रेख में कमी को भी प्राधिकरण की सीईओ के सामने रखा गया। जिनमें भंगेल और सेक्टर-132 के सार्वजानिक शौचालयों का उदाहरण दिया गया जो ज्यादातर तीन बजे के बाद बंद हो जाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालय में व्यवस्था ठीक नहीं हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी निस्तारण नहीं किया जाता। ऐसे ही मामले ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों में मिले हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर पिछड़ : रंजन तोमर
 रंजन तोमर ने कहा कि नोएडा संस्थाओं का शहर है। एक्टिव एनजीओ जैसा समूह यहां उपस्थित है, जो शहर की प्रमुख संस्थाओं का समागम है। प्राधिकरण द्वारा सबको साथ लेने की कोशिश नहीं की जाती। जिसके कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर पिछड़ जाता है। ऐसे में प्राधिकरण को इस दोष को स्वयं सुधारना होगा।

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