सामूहिक विवाह योजना में मात्र 26 बेटियों का हो पाया कन्यादान, आंकड़े दे रहे लापरवाही की गवाही

नोएडा में 100 परिवारों का बोझ हल्का करने का था लक्ष्य : सामूहिक विवाह योजना में मात्र 26 बेटियों का हो पाया कन्यादान, आंकड़े दे रहे लापरवाही की गवाही

सामूहिक विवाह योजना में मात्र 26 बेटियों का हो पाया कन्यादान, आंकड़े दे रहे लापरवाही की गवाही

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Noida News : योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सामूहिक विवाह योजना से कई परिवारों को  ब्याह में बोझ हल्का करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। इस योजना के तहत गरीब बेटियों की शादी कराने में गौतमबुद्ध नगर फिसड्डी साबित हुआ है। इसका खुलासा सामने आये आकड़ों ने किया है। इसमें मात्र 26 प्रतिशत बेटियों का ही कन्यादान हो पाया है। इसके साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले की 29वीं  रैंक आई है।

विभागीय स्तर पर लापरवाही के आरोप 
सामूहिक विवाह योजना के तहत 100 बेटियों के कन्यादान का लक्ष्य दिया था। पिछले साल एक अप्रैल से 31 दिसंबर तक सामूहिक विवाह योजना की प्रगति के आधार पर शासन ने जिलों की रैंक जारी की है। इसमें गौतमबुद्ध नगर को 29वां स्थान प्राप्त हुआ है। यहां शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में प्रशासन सिर्फ 26 बेटियों के  ही हाथ पीले करा पाया है। नोएडा जैसे हाईटेक शहर में संसाधनों की कमी नहीं होने के बावजूद यह हाल है। असल में विभागीय स्तर पर लापरवाही के कारण अधिकतर लोगों को योजना के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि योजना के बारे में लगातार प्रचार प्रसार किया गया था, लेकिन बहुत कम लोगों ने इसका फायदा उठाया है। 

ये लोग उठा सकते हैं फायदा
जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 16 जनवरी 2024 को गौतमबुद्ध नगर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। शासन की इस योजना का लाभ उठाने के लिए इन शर्तों को पूरा करना होगा।
 1. कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होने चाहिए।  
2. शादी के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। 
3. आवेदक की सालाना आय सीमा 2 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। 
4. कन्या का अपने नाम से बैंक खाता होना चाहिए। 
5. आवेदक वर और कन्या का आधार कार्ड। 
6. आयु प्रमाणित करने के लिए शैक्षिक प्रमाण पत्र होना चाहिए।
7. अनुसूचित जाति/जनजाति 
8. पिछड़ा वर्ग के आवेदकों के पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
9. विवाह के लिए विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता दी जाएगी। 

इतने रुपयों का फायदा
आपको बता दें कि योजना के तहत 51 हजार रुपये प्रति जोड़े पर खर्च किए जाते हैं। जिसमें से 35 हजार रुपए कन्या के बैंक के बचत खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। विवाह में 10 हजार रुपये का सामान दिया जाता है। 6 हजार रुपये प्रति जोड़ा भोजन, बिजली, पानी और टेंट की व्यवस्था पर खर्च किया जाता है।

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