48 घंटे बाद अथॉरिटी का घेराव करेंगे पेरेंट्स, छात्रों के भविष्य पर मंडरा खतरा

Noida Uttarakhand School : 48 घंटे बाद अथॉरिटी का घेराव करेंगे पेरेंट्स, छात्रों के भविष्य पर मंडरा खतरा

48 घंटे बाद अथॉरिटी का घेराव करेंगे पेरेंट्स, छात्रों के भविष्य पर मंडरा खतरा

Tricity Today | बैठक

Noida : सेक्टर-11 से सटे दिल्ली सीमा में स्मृति वन में रविवार उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के पैरंट्स ने बैठक की। जिसमें करीब 400 पैरंट्स शामिल हुए। पैरंट्स ने आपस में वार्ता करके निर्णय लिया कि अगर 2-3 दिनों में उत्तराखंड पब्लिक स्कूल नहीं खुलता है तो अथॉरिटी का घेराव किया जाएगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। आपको बता दें, जमीन का करीब 15 करोड़ बकाया न देने पर अथॉरिटी ने 24 अप्रैल को सेक्टर56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सील कर दिया था।

अभिभावकों का आरोप
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की फीस समय पर जमा की जाती है। हाल ही में नए स्टूडेंट के दाखिले भी यहां हुए है। अभी सभी अभिभावकों ने नए सत्र की फीस जमा की है। अब उनके पास दूसरे स्कूल में फीस जमा करने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। पेरेंट्स का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने ही हमको अंधेरा में रखा। बिना जानकारी दिए ही स्कूल को सील कर दिया। उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अब उनको कौन दाखिला देगा। स्कूल के चेयरमैन ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर धोखा दिया है।

क्या है मामला
नोएडा अथॉरिटी ने सोमवार की दोपहर शहर के सेक्टर-56 में स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सील कर दिया है। इससे पहले स्कूल की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके अलावा प्राधिकरण ने स्कूल के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा किया था। मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल मैनेजमेंट ने जमीन आवंटन की एवज में प्राधिकरण को पैसा नहीं चुकाया है। स्कूल पर करीब 15 करोड़ रुपये बकाया हैं।

स्कूल ने नोटिस का नहीं दिया जवाब
महाप्रबंधक (संस्थागत) आशीष भाटी ने कहा, "उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को नोटिस भेजा गया था। स्कूल को भूमि आवंटन किया गया था। उसकी कीमत अब तक स्कूल प्रबंधन ने नहीं चुकाई है। कई बार नोटिस भेजे गए लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने ना तो बकाया जमा किया और ना ही जवाब दिया है। जिसकी वजह से प्राधिकरण ने स्कूल का भूखंड आवंटन रद्द कर दिया। जिसके बाद सोमवार की दोपहर को प्राधिकरण से स्कूल सील कर दिया है।”

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