Noida News : देश के शुरूआती स्टार्टअप यूनिकॉर्न पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को बड़ा झटका लगा है। नोएडा की इस नामचीन कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को संकटग्रस्त पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा है। वन-97 कम्युनिकेशंस (ओसीएल) ने 26 फरवरी को स्टॉक एक्सचेंजों को यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा, "यह बैंक के बोर्ड के पुनर्गठन का हिस्सा है।" आपको बता दें कि ओसीएल के पास Paytm ब्रांड का स्वामित्व है।
पांच स्वतंत्र निदेशक बोर्ड में शामिल हुए
विजय शेखर शर्मा ने बोर्ड के पुनर्गठन का रास्ता साफ करने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दिया है। ओसीएल ने सोमवार को शेयर बाजार को सूचित किया है। सेबी ने कहा, "पीपीबीएल ने हमें सूचित किया है कि वह एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे।" वन-97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन श्रीधर, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी देबेंद्रनाथ सारंगी, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गर्ग और सेवानिवृत्त आईएएस रजनी सेखरी सिब्बल पीपीबीएल बोर्ड में शामिल हो गए हैं। यह सारे लोग स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए हैं। उनके अलावा बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक अरविंद कुमार जैन और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला शामिल होंगे।
31 जनवरी को आरबीआई ने लगाए प्रतिबंध
विजय शेखर शर्मा की मौलिक कंपनी की और जारी बयान में कहा गया है, "ओसीएल अपने नामांकित व्यक्ति को हटाकर केवल स्वतंत्र और कार्यकारी निदेशकों वाले बोर्ड का गठन करने के लिए सहमत है। हम पीपीबीएल के कदम का समर्थन करते हैं।" नए सदस्यों का स्वागत करते हुए एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा, "हम अपने बोर्ड में श्रीनिवासन श्रीधर, देबेंद्रनाथ सारंगी, अशोक कुमार गर्ग और रजनी सेखरी सिब्बल की नियुक्ति का स्वागत करते हैं। यह पीपीबीएल की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी विशिष्ट विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।" आपको बता दें कि 31 जनवरी को रिजर्व बैंक इंडिया ने पीपीबीएल पर कई बड़े व्यावसायिक प्रतिबंध लगाए हैं। जिसमें 29 फरवरी के बाद नई जमा स्वीकार करने और क्रेडिट लेनदेन करने पर रोक शामिल थी। बाद में 16 फरवरी को समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी है।"
अपील की जांच कर रहा है एनपीसीआई
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) पेटीएम यूपीआई ऐप के संचालन के लिए वन-97 कम्युनिकेशन की अपील पर विचार कर रहा है। यूपीआई चैनल के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) बनने के अनुरोध की जांच कर रहा है।
पूरे घटनाक्रम पर नोएडा के लोगों की नजर
पेटीएम और वन-97 कंपनी नोएडा और उत्तर प्रदेश के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी है। विजय शेखर शर्मा अलीगढ़ के निवासी हैं। भारत में नोटबंदी और कोविड-19 महामारी के दौरान पेटीएम ने डिजिटल ट्रांजेक्शन में बड़ी भूमिका निभाई है।
अगस्त 2010 में पेटीएम की स्थापना हुई
पेटीएम की स्थापना अगस्त 2010 में इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा द्वारा नोएडा, दिल्ली एनसीआर में 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ की गई थी। इसकी शुरुआत प्रीपेड मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में हुई, और बाद में 2013 में डेबिट कार्ड, पोस्टपेड मोबाइल और लैंडलाइन बिल भुगतान को जोड़ा गया। अक्टूबर 2011 में सैफायर वेंचर्स ने वन-97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड में 10 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। जनवरी 2014 तक कंपनी ने पेटीएम वॉलेट लॉन्च किया था। जिसे भारतीय रेलवे और उबर ने भुगतान विकल्प के रूप में जोड़ा था। यह ऑनलाइन सौदों और बस टिकटिंग के साथ ई-कॉमर्स में लॉन्च हुआ था। वर्ष 2015 में शिक्षा शुल्क, मेट्रो रिचार्ज, बिजली, गैस और पानी बिल भुगतान शामिल किया गया। पेटीएम का पंजीकृत उपयोगकर्ता आधार अगस्त 2014 में 1.18 करोड़ से बढ़कर अगस्त 2015 में 10.4 करोड़ हो गया।