निर्माण कार्य की डेड लाइन पूरी, लोगों को 2 महीने और जूझना होगा जाम से, कंपनी पर एक्शन लेगी सीईओ ऋतु महेश्वरी

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे : निर्माण कार्य की डेड लाइन पूरी, लोगों को 2 महीने और जूझना होगा जाम से, कंपनी पर एक्शन लेगी सीईओ ऋतु महेश्वरी

निर्माण कार्य की डेड लाइन पूरी, लोगों को 2 महीने और जूझना होगा जाम से, कंपनी पर एक्शन लेगी सीईओ ऋतु महेश्वरी

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे की मरम्मत का काम पूरा होने में अभी लगभग 2 महीने का समय लगेगा। इस मार्ग पर रोजाना करीब दो लाख वाहन चालाक को एक बार फिर जाम से प्रभावित होना पड़ेगा। इसके साथ री-सर्फेसिंग काम 30 अप्रैल तक पूरा नहीं हो सका। ऐसे में प्राधिकरण कंपनी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगा रही है। कंपनी पर 25 लाख का जुर्माना पहले लगाया जा चुका है। सड़क निर्माण करने का जिम्मा सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास है।

 करीब 50 प्रतिशत ही काम पूरा
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ऋतु महेश्वरी सख्त एक्शन के बावजूद सड़क निर्माण कार्य में ढिलाई देखने को मिली। जानकारी के मुताबिक, अभी तक करीब 50 प्रतिशत ही काम पूरा हो चुका है। शुक्रवार को प्राधिकरण की बैठक में ऋतु महेश्वरी काम में हो रही देरी पर नाराजगी भी जताई है साथ ही एक्सप्रेस-वे की मरम्मत के काम में लापरवाही होने पर संविदाकार को तलब करने के निर्देश दिया था। 

कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन
इस एक्सप्रेस-वे का कार्य प्राधिकरण ने जनवरी 2021 में शुरू करवाया था। इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन पहले पूरे होने की 2021 जून में थी लेकिन इस को बढ़ाकर 30 अप्रैल 2022 कर दी गई। उसके बावजूद इस डेडलाइन पर भी काम पूरा होने की उम्मीद खत्म हो चुकी है। प्राधिकरण पहले भी इस कंपनी पर 19 लाख का जुर्माना लगा चुकी है। नोएडा प्राधिकरण एक बार फिर कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने जा रही है। 

रोजाना 2 लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही
आपको बता दें कि नोएडा एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे करीब 24 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 20 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा क्षेत्र में आता है। कुछ सालों से एक्सप्रेसवे की सड़क खराब होने लगी थी। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे की री-सरफेसिंग कराने का निर्णय लिया था। नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर री-सरफेसिंग यानी की मरम्मत का कार्य इंफ्रा कंस्ट्रक्शन एजेंसी को सौंपा है। जो अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। 

एक्सप्रेसवे के अंडरपास जल्दी पूरे किए जाएं
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर महामाया फ्लाईओवर से 10.3 और 19.4 किलोमीटर की दूरी पर बन रहे अंडरपास का निर्माण लटका हुआ है। इनकी लागत बढ़ गई है। जिसे मंजूरी दे दी गई है। कार्य में धीमी गति की बड़ी वजह रि-सर्फेसिंग और यहां बन रहे अंडरपास है। अंडरपास पुश बैक तकनीक से बन रहे है। इससे आए दिन सड़क धसने से एक्सप्रेस वे पर लंबा जाम लगता है। ये अंडरपास सेक्टर-96 , एडवंट और कुंडली पर बनाए जा रहे है।

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