नोएडा प्राधिकरण से नाराज प्लॉट खरीदार रविवार को करेंगे अनूठा प्रदर्शन, सीईओ से मदद की उम्मीद

बड़ी खबर : नोएडा प्राधिकरण से नाराज प्लॉट खरीदार रविवार को करेंगे अनूठा प्रदर्शन, सीईओ से मदद की उम्मीद

नोएडा प्राधिकरण से नाराज प्लॉट खरीदार रविवार को करेंगे अनूठा प्रदर्शन, सीईओ से मदद की उम्मीद

Tricity Today | Noida Development Authority

Noida : नोएडा प्राधिकरण (Noida Development Authority) के ढुलमुल रवैये से नाराज सेक्टर-145 के निवासी 29 अगस्त, रविवार को बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसमें वरिष्ठ नागरिक, पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल होंगे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से वहां किया जाएगा, जहां भूखंडों का सीमांकन रजिस्ट्री होने के लगभग 5 साल बाद भी नहीं हुआ है। इस प्रदर्शन के जरिए पीड़ित अपनी समस्या प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) तक पहुंचाएंगे। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा। 

अलग ढंग से जताएंगे विरोध
दरअसल ये सभी लोग आवंटन के 5 साल बाद भी भूखंडों का सीमांकन नहीं होने और कब्जा नहीं मिलने से बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अब शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए ही अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी जाएगी। खरीदार पवन विजय ने बताया, 29 अगस्त को हम लोग प्रदर्शन करेंगे। इसमें दर्जनों बॉयर सेक्टर-144 और सेक्टर-145 के बीच 30 मीटर की सड़क के आसपास बैनर और तख्तियां पकड़े हुए दिखाई देंगे। वह अपने भूखंडों को चिह्नित करने और उन्हें भौतिक कब्जा देने की मांग करेंगे। सभी लोग अपनी भुजा पर काली पट्टी बांधेंगे और साइट पर "विरोध-भोज" करेंगे। 

निर्माण में देरी के जिम्मेदार है प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण, नगर प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय पुलिस को सूचित करने के बाद विरोध का आयोजन किया जा रहा है।  इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा। बॉयर आवासीय भूखंडों के सीमांकन और भूखंडों  को सौंपने के लिए नोएडा प्राधिकरण से एक नियमित समय सीमा चाहते हैं। एक अन्य बॉयर राहुल कपूर ने बताया, हम लोग क्षेत्र में विकास कार्यों की धीमी गति को भी उजागर करना चाहते हैं। ऐसी सूरत में भूखण्डों पर मकानों के निर्माण में देरी के लिए प्राधिकरण समय विस्तार शुल्क आवंटियों से नहीं ले सकता। पीड़ित डॉ अतुल चौधरी ने कहा, “भूखंड पर बिना सीमांकन के घर कैसे बनाया जा सकता है? कोई भी शुल्क या जुर्माना नाजायज है। इस क्षेत्र के विकास के लिए सार्वजनिक रूप से घोषित, प्रतिबद्ध डेडलाइन भी नहीं है।” 

कई बार कर चुके हैं मांग
पीड़ितों ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार प्राधिकरण के अफसरों को अपनी समस्या से अवगत कराया है। मगर कोई हल नहीं मिला। आवंटियों का कहना है कि कचरा डंपिंग साइट को सेक्टर-145 से पास के सेक्टर में चिन्हित स्थायी लैंडफिल क्षेत्र में स्थानांतरित करने की योजना में तेजी लाई जाए। इस क्षेत्र में प्लॉट 5% आवासीय भूखंडों की श्रेणी में आते हैं। नोएडा के किसानों को उनकी अधिग्रहित कृषि भूमि के बदले दिए गए हैं। साल 2016 में आवंटन के बाद अधिकांश किसानों ने इन भूखंडों को आम आदमी को बेच दिया। जिससे नोएडा प्राधिकरण हस्तांतरण शुल्क, पट्टा किराया, अन्य शुल्क और स्टांप शुल्क के रूप में भारी राजस्व कमा रहा है। जबकि आवंटन के कई वर्षों बाद भी क्षेत्र को विकसित करने में विफल रहा है।

बैंकों को ईएमआई और घर का किराया दे रहे हैं
ज्यादातर आवंटी विभिन्न बैंकों को प्लॉट का क़र्ज़ चुकाने के लिए मासिक किश्त दे रहे हैं। साथ ही अपने घर का किराया भी चुका रहे हैं। खरीदारों का कहना है कि क्षेत्र को विकसित करने की पहल सीईओ ऋतु महेश्वरी ने की थी। मगर अब यह ठंडे बस्ते में है। सीईओ के स्पष्ट आदेश के बावजूद प्राधिकरण अभी भी कुछ किसानों से सेक्टर-145 में विकास के लिए आवश्यक भूमि अपने कब्ज़े में लेने में विफल रहा है। इस लापरवाही के कारण 2200 से ज्यादा आवासीय भूखंड खरीदारों का भविष्य अधर में लटका है।

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