पॉकेट मारी करने वाला Female Gang एक्टिव, इस स्टेशन पर सबसे ज्यादा हुई वारदात

मेट्रो में सफर करने वाले हो जाएं सावधान : पॉकेट मारी करने वाला Female Gang एक्टिव, इस स्टेशन पर सबसे ज्यादा हुई वारदात

पॉकेट मारी करने वाला Female Gang एक्टिव, इस स्टेशन पर सबसे ज्यादा हुई वारदात

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Noida|Delhi : मेट्रो से हर रोज हजारों लोग सफर करते हैं। नोएडा की सड़कों पर जाम में फंसे बिना आप बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए लोग मेट्रो से सफर करना पसंद करते हैं लेकिन दिल्ली मेट्रों का अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाएं। मेट्रो में चोरों का एक गैंग घूम रहा है। आपकी नजर हटी और उधर भीड़ में शामिल शातिर आंखें आपका कीमती सामान लेकर फरार। इन घटनाओं पर नोएडा कमिश्नरेट पुलिस मुकदमा तो दर्ज कर लेती है, लेकिन स्टेशन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के हाथ में है।

महिला चोर भी शामिल
मेट्रो स्टेशन के अंदर सुरक्षा खामियों के कारण स्टेशन परिसर में लगातार चोरी और पॉकेटमारी की घटनाएं हो रही हैं। नोएडा पुलिस मेट्रो स्टेशन के अंदर जाकर जांच या गश्त नहीं कर सकती है। वहीं मेट्रो स्टेशन के अंदर सीआईएसएफ की ड्यूटी होती है लेकिन उनका फोकस केवल एंट्री और एक्जिट पर रहता है। इस वजह से चोर मेट्रो के अंदर चंद मिनटों में चोरी की घटना को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जा रहे हैं। इस गैंग में महिला चोर भी शामिल है। जबकि सीआईएसएफ केवल एंट्री एक्जिट पर ही सक्रिय रहती है। टिकट काउंटर और आसपास चोर वारदात कर चले जाते हैं।

भीड़-भाड़ वाले मेट्रो स्टेशन पर घटना बढ़ी
नोएडा में सेक्टर-52, बॉटेनिकल गार्डेन, इलेक्ट्रॉनिक सिटी, सेक्टर-15 समेत अन्य भीड़ भाड़ वाले मेट्रो स्टेशन पर हर दिन आठ से दस लोगों के साथ चोरी पॉकेटमारी की घटना हो रही है। पुलिस का कहना है कि मेट्रो स्टेशन के नीचे नोएडा पुलिस की टीम हमेशा रहती है। इसके लिए समन्वय बनाकर काम किया जाएगा।

सेक्टर-52 और बॉटेनिकल पर सबसे अधिक घटनाएं
नोएडा में सेक्टर-52 और बॉटेनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन पर इस तरह की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। हर दिन कोतवाली सेक्टर-39, 49 पुलिस को शिकायतें मिलती है। दरअसल बॉटेनिकल गार्डेन और सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन पर सबसे अधिक लोग मेट्रो में चढ़ते उतरते हैं। पीक आवर में बहुत अधिक भीड़ होने के कारण चोर आसानी से हाथ साफ कर लेते हैं। इन चोरों के निशाने पर मोबाइल फोन, पर्स, जूलरी और कैश होता है। मोबाइल चोरी करने के बाद उसे स्विच ऑफ कर देते हैं और उसे दिल्ली के अलग-अलग मार्केट में कम कीमत पर बेच देते हैं। इसी तरह चोरी की जूलरी भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में खपाया जाता है।

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