मिशन-2024 के लिए बिसात पर बिठाईं मोहरें, ऐसे पार होगी उत्तर प्रदेश में चुनावी वैतरणी

भाजपा की कुटिल चाल : मिशन-2024 के लिए बिसात पर बिठाईं मोहरें, ऐसे पार होगी उत्तर प्रदेश में चुनावी वैतरणी

 मिशन-2024 के लिए बिसात पर बिठाईं मोहरें, ऐसे पार होगी उत्तर प्रदेश में चुनावी वैतरणी

Google Image | भाजपा

Noida News : लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले प्रदेश भाजपा संगठन में हुए बड़े फेरबदल को साफ तौर पर चुनावी तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि जब बात जब लोकसभा चुनाव की हो तो भाजपा संगठन में टॉप लीडरशिप से लेकर बॉटम तक सक्रियता देखी जा सकती है। उस पर भी देश की सबसे बड़ी पंचायत को सबसे ज्यादा 80 सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। तभी इस बार संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले नेताओं पर पार्टी ने दांव लगाया है। इस बड़े फेरबदल में पार्टी ने जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने की पुरजोर कोशिश की है। साथ ही उन लोगों को पद से भी हटाया है, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। इसके अलावा इस बार पूर्व विधायक और MLC को भी जिलाध्यक्ष का प्रभार सौंपा गया है। 

एक झटके में बदल डाले 69 जिलाध्यक्ष
 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में एक झटके में 69 जिलाध्यक्ष बदल डाले हैं। पूरे प्रदेश में 75 प्रतिशत से अधिक जिलों के जिलाध्यक्ष बदल दिए हैं। माना जा रहा है कि यह बदलाव आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है। बीजेपी में लंबे समय से संगठन के फेरबदल की चर्चाएं चल रहीं थीं। शुक्रवार को यह फेरबदल कर दिया गया। पार्टी के संगठनात्मक नजरिये से बनाए गए 98 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। करीब दो महीने से इसको लेकर चर्चाएं चल रहीं थीं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए यह नियुक्तियां की गई हैं। 98 जिलों में 69 नए जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं, तो 29 पुराने चेहरों पर भी दांव खेला है। इसके अलावा इस सूची में महिलाओं को भी जगह दी गई। फिर भले ही उनकी संख्या कम हो। मात्र पांच महिलाओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के मानें तो लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट वितरण के समीकरणों को देखते भी हुए इन चेहरों का चयन किया गया है।

पश्चिमी यूपी के बदले गए सबसे ज्यादा जिलाध्यक्ष
प्रदेश भाजपा की सूची पर गौर करें तो सबसे ज्यादा जिलाध्यक्ष पश्चिम क्षेत्र में ही बदले गए हैं। पश्चिम यूपी के जिन जिलाध्यक्षों को बदला गया है, उसमें बुलंदशहर, संभल, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, गाजियाबाद जिला, मेरठ महानगर, मेरठ जिला, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर महानगर, बिजनौर, अमरोहा मुरादाबाद जिला, मुरादाबाद महानगर, रामपुर और शामली जिले शामिल हैं। जिन जिलाध्यक्षों को रिपीट किया गया है, उनमें नोएडा महानगर, गाजियाबाद महानगर और सहारनपुर जिला के जिलाध्यक्ष शामिल हैं।

रामपुर में पहली बार अनुसूचित जाति का जिलाध्यक्ष 
नवाबों के शहर रामपुर में पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में पहली बार भाजपा का विधायक बना और पहली बार ही हिंदू विधायक चुना गया। अब भाजपा ने पहली बार अनुसूचित जाति के नेता को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने जिला पंचायत सदस्य हंसराज पप्पू को रामपुर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।

गोरखपुर क्षेत्र के नौ जिलाध्यक्ष बदले
भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने गोरखपुर क्षेत्र के 12 संगठनात्मक जिलों में नौ के जिलाध्यक्ष बदल दिए हैं। केवल संतकबीर नगर, गोरखपुर जिला और गोरखपुर महानगर के जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका दिया है। जिन जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं, उनमें देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, आजमगढ़, लालगंज, मऊ और बलिया शामिल हैं। क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय के मुताबिक, पार्टी ने जिलाध्यक्ष के चयन में सामाजिक समीकरण और निष्ठा का ध्यान रखा है। वहीं, दूसरी ओर एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा को बनारस का जिलाध्यक्ष बनाया गया है तो बलिया की कमान पूर्व विधायक संजय यादव को सौंपी गई है।

संभल में भाजपा ने खेला जाट कार्ड
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सांगठनिक रूप से संभल में जाट कार्ड खेल दिया है। INDIA बनने और रालोद को लेकर चल रही कश्मकश के बीच, यह बीच का ही रास्ता भाजपा ने चुना। जाट लैंड में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले हरेंद्र सिंह रिंकू को जिलाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव की बिसात पर अपनी पहली चाल चल दी है। बता दें विधानसभा चुनाव 2022 असमोली से भाजपा के टिकट से लड़े हरेंद्र सिंह ने कई नेताओं के समीकरण बिगाड़ दिए थे। जहां से भाजपा 70 से 7 हजार वोट मुश्किल से पाती थी, वहां पर 86 हजार से ज्यादा मत पाकर उन्होंने मुस्लिम गांवों तक में सेंधमारी कर दी थी।

14 सीटों पर खास फोकस
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा का फोकस खास तौर पर उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर है। इन सीटों पर भाजपा को 2019 में जीत हासिल नहीं हुई थी। यूपी की इन 14 लोकसभा में मैनपुरी और रायबरेली की सीट भी शामिल हैं। मैनपुरी से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं। जबकि, रायबरेली सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं। मैनपुरी और रायबरेली जैसी हाई-प्रोफाइल सीटों को जीतने के लिए भाजपा एक खास प्लान के तहत मैदान में उतर रही है। इस काम के लिए न केवल स्पेशल टीम का गठन किया गया है, बल्कि अतिरिक्त फोकस भी कर रही है। इसके लिए बैठकों और चिंतन मंथन का दौर भी जारी है। भाजपा ने इन सभी सीटों पर पिछले एक साल से कड़ी मेहनत की है। अब पार्टी इन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान पहले ही कर सकती है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.