Tricity Today | सुरेंद्र नागर से राज्यसभा में बोले रामगोपाल यादव
गुरुवार को राज्यसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े संविधान संशोधन पर बहस हुई। जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने इस संविधान संशोधन का समर्थन किया। इस दौरान एक ख़ास नजारा देखने के लिए मिला। सुरेंद्र सिंह नागर राज्यसभा के सभापति थे और पीठासीन थे। उनके सामने रामगोपाल यादव ने अपनी बात रखी इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बात कहीं।
आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा बढ़ाई जाए
रामगोपाल यादव ने कहा, "यह संविधान संशोधन तब तक निरर्थक है, जब तक कि आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा बढ़ाई नहीं जाए। इसका ओबीसी की जातियों को कोई फायदा नहीं मिलेगा। अगर दूसरी जातियों को शामिल करके किसी राज्य सरकार ने आरक्षण बढ़ाने की कोशिश की तो मराठा आरक्षण की तरह सुप्रीम कोर्ट फैसला रद्द कर देगी। इस संविधान संशोधन के जरिए ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा 27 प्रतिशत से अधिक करनी चाहिए। सारे आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 50% से ज्यादा करनी चाहिए।"
जातीय आधार पर जनगणना की जानी चाहिए
रामगोपाल यादव ने कहा, "देश की जनसंख्या में ओबीसी का परसेंटेज क्या है? कितने नौकरियों में हैं। क्लास वन में कितने हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट में कितने हैं। स्टेट गवर्नमेंट में कितने हैं। कितनी जमीन है। पक्का घर है, कच्चा घर है या बिना घर वाले हैं। यह जब तक नहीं होगा तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। जातीय आधार पर जनगणना की जानी चाहिए। अभी ओबीसी को कम आरक्षण मिल रहा है। जबकि इनकी संख्या निर्धारित आरक्षण सीमा से बहुत ज्यादा है।"
यादव, कुर्मी और गुर्जर ओबीसी से बाहर होंगे
रामगोपाल यादव ने आगे बोलते हुए एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, "आजकल पूरे उत्तर प्रदेश में एक चर्चा जोरों पर चल रही है। अकसर चर्चाएं सच साबित हो जाती हैं। चर्चा चल रही है कि राज्य की तीन जातियों को ओबीसी आरक्षण से बाहर कर दिया जाएगा। यादव, कुर्मी और गुर्जर को ओबीसी से बाहर करने की बात कही जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार देर सबेर यह काम जरूर करेगी। दूसरी जातियों को शामिल करने के नाम पर इन्हें बाहर किया जाएगा। कहा जाएगा कि इनके लोग पढ़ लिख गए हैं। समृद्ध हो गए हैं। मान्यवर आप भी गुर्जर हैं।"
ओबीसी चाहें तो यह सरकार इधर-उधर हो जाएगी
प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने पीठासीन सभापति सुरेंद्र नागर को सम्बोधित करते हुए कहा, "इस सरकार के पास बहुमत नहीं है। यह बहुमत ओबीसी सांसदों का है। इस सरकार के सबसे ज्यादा सांसद ओबीसी हैं। अगर ये ओबीसी चाहें तो यह सरकार इधर-उधर हो जाएगी। सरकार ही चली जाएगी। मान्यवर आप भी गुर्जर हैं। भाजपा के ओबीसी सांसदों को आगे आकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। ओबीसी की जातियों का आरक्षण बढ़ाने के लिए हमारे सांसदों को आगे आना चाहिए।"
ओबीसी युवक ट्रैनिंग पर नहीं भेजे जा रहे हैं
रामगोपाल यादव ने कहा, "बहुत सारे मामले मेरे संज्ञान में आए हैं। ओबीसी के युवकों को नियुक्ति होने के बावजूद ट्रैनिंग पर नहीं भेजे जा रहे हैं। इनके दस्तावेजों में कमी बताई जा रही हैं। उन्हें क्रीमी लेयर में बताकर डिस्क्वालिफाई करवाया जा रहा है। जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को सफल बनाने के लिए ओबीसी युवाओं को कई-कई रैंक नीचे खिसकाया जा रहा है।"
यह सरकार केवल कागज पर काम कर रही
समाजवादी पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, "यह सरकार ढपोरसंख की तरह काम करती है। सरकार बस केवल हल्ला मचाती है। मैं यह बात मानता हूं कि जब-जब आप सरकार में आते हैं, ओबीसी के हितों की बात करते हैं। केवल बात ही करते हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि ढपोरसंख बनकर काम मत कीजिए। काम कागजों पर मत कीजिए। घोषणाओं को धरातल पर लेकर आइये।"