दर-दर भटक रही रेप पीड़िता, कमिश्नर ऑफिस में घंटों इंतजार के बावजूद नहीं मिले अफसर

गौतमबुद्ध नगर में महिला सुरक्षा पर सवाल : दर-दर भटक रही रेप पीड़िता, कमिश्नर ऑफिस में घंटों इंतजार के बावजूद नहीं मिले अफसर

दर-दर भटक रही रेप पीड़िता, कमिश्नर ऑफिस में घंटों इंतजार के बावजूद नहीं मिले अफसर

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Noida News : गौतमबुद्ध नगर पुलिस हमेशा कहती है कि हम बेहतर महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन जिले में ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इस दावे की पोल खोल दी है। आप अंदाज बात से लगा सकते हो कि एक रेप पीड़िता कई दिनों तक इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खाती रही। अंत में जाकर उसने जिले की एक आईपीएस अधिकारी से मुलाकात करने का प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। पीड़िता काफी समय तक अधिकारी के दफ्तर के बाहर बैठी रही। अंत में उसको यह कहकर लौटा दिया कि 'अभी मैडम व्यस्त हैं, आप बाद में आना।' इसके बाद पीड़िता ने वापस चली गई। अभी तक पीड़िता का मुकदमा दर्ज तक नहीं हुआ है। वह इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है। हालांकि, इस मामले में एक खबर प्रकाशित हुई। जिसमें बाद अफसरों ने रेप पीड़िता को कॉल किया और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

कैसे शुरू हुआ मामला 
यह पूरा मामला नोएडा के सेक्टर-24 थाना क्षेत्र का है। जहां पर बीते 15 मार्च को एक 28 साल की युवती शिकायत लेकर कोतवाली पहुंची थी। पीड़िता ने बताया, "मेरी मुलाकात वर्ष 2022 में शुभम जायसवाल नाम के एक लड़के से हुई थी। शुभम जायसवाल की उम्र इस समय 33 साल है और मेरी 28 साल है। शुभम ने मुझसे कहा था कि वह मुझसे शादी करेगा। शादी की बात कहकर कई महीनों तक शुभम जायसवाल ने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। शुभम हमेशा मुझसे कहता था कि वह मुझसे शादी करेगा। वह मुझसे शादी करने के लिए कुछ भी कर सकता है। शादी की बात से मैं उसके झांसे में आ गई।"

दोनों एक ही अपॉइंटमेंट में रहने लगे
रेप पीड़िता ने आगे बताया, "हम दोनों पहले अलग-अलग इलाके में रहते थे, लेकिन शुभम ने कहा कि उसको मुझसे मिलने में दिक्कत होती है। जिसके बाद शुभम ने मेरे ही अपॉइंटमेंट में रहना शुरू कर दिया। पिछले कुछ दिनों से मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था तो मैंने उससे पूछा कि तुम मुहसे शादी कब कर रहे हो, लेकिन इस पर शुभम ने मुझसे शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि उसने शादी का झांसा देकर मेरे साथ रेप की वारदात का अंजाम दिया है।"

अफसरों ने घंटों इंतजार करवाकर वापस भेजा
पीड़िता ने आगे बताया, "मैं सबसे पहले 15 मार्च को पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंची। मैं सेक्टर-24 कोतवाली में काफी समय तक रही, लेकिन मेरा मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उसके बाद मैं दोबारा से 20 मार्च को थाने गई। उसके बावजूद सुनवाई नहीं हुई। अगले दिन 21 मार्च को मैं गौतमबुद्ध नगर की महिला सुरक्षा अधिकारी से मिलने गई। वहां पर मैं करीब 2 घंटे तक बैठी रही, लेकिन उन्होंने मुझसे मुलाकात नहीं की। अंत में मुझे एक पुलिसकर्मी ने बताया कि मैडम एक अर्जेंट काम में व्यस्त हैं। आप बाद में आना। करीब दो घंटे के इंतजार के बाद में वापस निराश होकर लौट गई।"

उच्च अफसरों के हस्तक्षेप के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं
युवती ने आगे बताया, "इस मामले में एक खबर प्रकाशित हुई, जिसके बाद महिला सुरक्षा अधिकारी प्रीति यादव ने मुझे कॉल किया। उनके कॉल के बाद मेरे मुझसे मिलने के लिए थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज आए, लेकिन अभी तक मेरा मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। मैं मुकदमा दर्ज करवाने के लिए अभी भी ठोकरे खा रही हूं।"

आईपीएस प्रीति यादव का बयान
वहीं दूसरी तरफ इस मामले में एडशिनल डीसीपी प्रीति यादव का कहना है कि केस संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने निकलकर आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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