दो करोड़ से ज्यादा का सर्वे, ऊंची मंजिल पर रहने से नोएडावालों को परहेज जबकि मुंबइकरों की पहली पसंद

रियल एस्टेट के रोचक रुझान: दो करोड़ से ज्यादा का सर्वे, ऊंची मंजिल पर रहने से नोएडावालों को परहेज जबकि मुंबइकरों की पहली पसंद

दो करोड़ से ज्यादा का सर्वे, ऊंची मंजिल पर रहने से नोएडावालों को परहेज जबकि मुंबइकरों की पहली पसंद

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Noida News : भारत के अग्रणी रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म मैजिकब्रिक्स ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट "How India Searched for Homes" 2024 जारी की है, जिसमें 2 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के घरों के चयन और सर्च पैटर्न का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में महत्वपूर्ण रुझानों और प्राथमिकताओं का पता चला है, जो घर खरीदारों की बदलती इच्छाओं और आवश्यकताओं को दर्शाते हैं। 

नोएडा-एनसीआर और मुंबई वालों की पसंद उलट
मुंबई जैसे मेट्रो शहर में 63 प्रतिशत लोग छोटे 2 या 2.5 बीएचके घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो यह दिखाता है कि कम लागत और बेतहर सुविधा वाले घरों की मांग बढ़ रही है। इसके साथ ही, 71 प्रतिशत मुंबई के घर खरीदार ऊंची मंजिलों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि नोएडा और एनसीआर के लोगों को हाईराइज बिल्डिंग में रहना खास पसंद नहीं। उनके लिए यह यह एक झंझट जैसा है। इसी वजह से  फ्लोर का नंबर बढ़ने के साथ उसकी कीमत भी कम होती जाती है। मुंबई में लोगों की पहली पसंद पांचवीं मंजिल या इससे ऊंची मंजिल की होती है। दूसरी ओर, नोएडा-एनसीआर में सिर्फ 17 फीसदी लोग ऊंची मंजिल पर रहना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोगों की पसंद तीसरी और चौथी मंजिल ही होती है। यह घरों का चयन करने से पहले एक और प्रमुख बदलाव है। 

बेंगलुरु और नोएडा में किराये के आवास का नया ट्रेंड
किराये के घरों में भी विभिन्न शहरों में अलग-अलग प्राथमिकताएं देखने को मिल रही हैं। बेंगलुरु में 63 प्रतिशत लोग बिना साज-सज्जा वाले घरों को पसंद करते हैं, जबकि नोएडा में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत है। हालांकि, हैदराबाद में लोग सुसज्जित किराये के घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो क्षेत्रीय रुझानों को दर्शाता है। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार तेजी से बदल रहा है, और ग्राहक अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार नई दिशा में बढ़ रहे हैं।

टियर-2 और मिनी-मेट्रो शहरों में बढ़ी डिमांड 
रिपोर्ट के अनुसार, छोटे शहरों और मिनी-मेट्रो क्षेत्रों में आवासीय प्रॉपर्टी की डिमांड में जबरदस्त वृद्धि हुई है। विशेष रूप से गोवा, नैनीताल, देहरादून, शिमला, करनाल और ऋषिकेश जैसे शहरों में साल-दर-साल आवासीय डिमांड में 26 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। ये शहर अब केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि रहने के लिए भी प्रमुख स्थान बन गए हैं।

वास्तु के मुताबिक घरों की बढ़ती मांग 
बड़े मेट्रो शहरों में भी नए ट्रेंड्स देखने को मिल रहे हैं, विशेष रूप से वास्तु-अनुरूप घरों की डिमांड में वृद्धि हुई है। बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई जैसे शहरों में 51 प्रतिशत लोग वास्तु के हिसाब से घर खोज रहे हैं, जबकि कोलकाता, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे शहरों में भी ऐसे घरों की प्राथमिकता बढ़ी है। इस बदलाव से यह साफ है कि भारतीय घर खरीदार अब न केवल घर की सुविधाओं, बल्कि उसकी वास्तु शास्त्र के अनुसार बनावट और डिजाइन में भी रुचि दिखा रहे हैं।
 

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