खुले पैनल बॉक्स और लटके तारों के खतरे से खेल रहे हाईटेक जिले के निवासी, जानवरों पर भी भारी पड़ रही लापरवाही, पढ़ें रिपोर्ट 

गौतमबुद्ध नगर : खुले पैनल बॉक्स और लटके तारों के खतरे से खेल रहे हाईटेक जिले के निवासी, जानवरों पर भी भारी पड़ रही लापरवाही, पढ़ें रिपोर्ट 

खुले पैनल बॉक्स और लटके तारों के खतरे से खेल रहे हाईटेक जिले के निवासी, जानवरों पर भी भारी पड़ रही लापरवाही, पढ़ें रिपोर्ट 

Tricity Today | सेक्टर-18 में खुले पैनल बॉक्स में फंसकर एक आवारा कुत्ते की मौत हो गई

Gautam Buddh Nagar : गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, तीनों प्राधिकरण और विद्युत निगम के तमाम दावों के बावजूद जिले में बिजली का बुनियादी ढांचा पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। रखरखाव की व्यवस्था चरमराई हुई है। जनपद का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है, जहां तार लटके हुए ना हों। शहर के पॉश सेक्टर, हाईराइड सोसाइटी और बड़े-छोटे बाजारों में विद्युत निगम के पैनल बॉक्स उनके दावों की तरह खुले पड़े हैं। हालात इसलिए भी बदतर हैं, क्योंकि फिलहाल जनपद में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। ऐसे में नंगे तारों, खुले पैनल और बेतरतीब रखे वायर से करंट का खतरा और बढ़ जाता है। इसकी चपेट में आकर बेजुबान जानवरों की जान जा रही है।

सामुहिक नाकामी पड़ रही भारी
जिले के निवासी पत्र, सोशल मीडिया और मुलाकात कर प्राधिकरण के अफसरों और विद्युत निगम से इन्हें व्यवस्थित कराने की मांग कर रहे हैं। सही रखरखाव की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हो रहा। कुछ एक मामलों में कार्रवाई कर प्राधिकरण और संबंधित विभागों ने अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली है। ऐसा तब है जब जनपद में जिला प्रशासन के अलावा प्रदेश के सबसे ज्यादा रिवेन्यू वाले 3 बड़े प्राधिकरण और लाखों उपभोक्ताओं वाला विद्युत विभाग बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उचित रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। मगर तंत्र की सामुहिक नाकामी आम लोगों और जानवरों पर भारी पड़ रही है। 

रिटॉयर सैन्य अफसर कर रहे इंतजार
बारिश के इस मौसम में खुले पैनल बॉक्स में लटके हुए बिजली के तारों से लेकर वोल्टेज में उतार-चढ़ाव, चिंगारी और लंबे समय तक आउटेज तक की समस्या से निवासी परेशान हैं। बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई हल नहीं मिल रहा है। अरुण विहार सेक्टर-28, 29 और 37 में बिजली के बुनियादी ढांचे की स्थिति विशेष रूप से दयनीय है। दिनों-दिन और बिगड़ती जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लंबे समय तक अघोषित दैनिक आउटेज से लेकर लगातार वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से बिजली के उपकरण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

पॉश सेक्टर में भी बुरा हाल
अरुण विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (AVRWA) के अध्यक्ष कर्नल आईपी सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, कई जगहों पर बिजली के तार भी लटके हुए हैं। जिससे निवासियों को खतरा है।  ट्रांसफार्मर का खराब रखरखाव है। बारिश के दौरान यहां से चिंगारी निकलती है। हम शिकायत करते-करते थक गए हैं। अब निवासियों का बिजली विभाग से विश्वास उठ गया है। इन सेक्टर में ज्यादातर 80 साल के वरिष्ठ और सेवानिवृत्त सेना अधिकारी रहते हैं। उन्हें सिर्फ खोखले वादे मिले जो अब तक पूरे नहीं हो सके। प्राधिकरण और विभाग को प्राथमिकता से उनकी परेशानी जल्द दूर करना चाहिए।

सेक्टर-18 मार्केट में रखरखाव की कमी
सेक्टर-92 के निवासी और सेक्टर-18 मार्केट एसोशिएसन के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने कहा, पूरे नोएडा में फीडर पैनल बहुत खराब स्थिति में हैं। उनके कवर या दरवाजे गायब हैं। जबकि केबल खुले में या जमीन पर या नालियों के अंदर पड़ी हैं। सेक्टर-18 में 400 केवी के 13 पैनल बॉक्स लगाए गए हैं। सभी बॉक्स के दरवाजे खुले हैं। यह इंसान के साथ-साथ घूमने वाले आवारा जानवरों के लिए बहुत खतरनाक और जोखिम भरा है। हालांकि शहर के कई सामाजिक संगठन इन समस्याओं को प्राधिकरण और विद्युत निगम के संज्ञान में ला रहे हैं, मगर फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिली है। सेक्टर-18 मार्केट नोएडा की सबसे बड़ी और पसंदीदा जगह है। वहां खुले पैनल बॉक्स बड़ी अनहोनी की वजह बन सकते हैं।

तीन महीने से लटा पड़ा है काम
सेक्टर-53 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने भी इलाके में टूटे पोल व केबल लटकने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि सेक्टर-53 में बिजली के खंभों को बदलने का काम करीब दो-तीन महीने पहले शुरू हुआ था। लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो पाया है। कुछ खंभों को आधार नींव के साथ खड़ा किया गया है। लेकिन बारिश का पानी सड़कों पर भर जाता है जिससे राहगीरों को खतरा होता है। फिर कुछ पोल ऐसे हैं जो तारों से नहीं जुड़े हैं।

कहां करें शिकायत
दरअसल ज्यादातर जगहों पर खुले पैनल बॉक्स और उनसे लटके तारों की शिकायत कहां करनी है, इसको भी लेकर बड़ी कंफ्यूजन है। निवासियों को समझ में नहीं आता कि इसकी शिकायत जिला प्रशासन, प्राधिकरण या विद्युत विभाग किससे की जाए। जिले के निवासियों के लिए यह समझना बेहद मुश्किल है कि इन खुले पैनल बॉक्स और लटके तारों के रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी है? हालांकि ज्यादातर स्थानों पर प्राधिकरण इनके रखरखाव, बुनियादी ढांचे को मजबूत और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार हैं।

बारिश की वजह से प्रभावित होता है रखरखाव
संबंधित अधिकारियों का कहना है कि मानसून के दौरान इस तरह की समस्याओं का त्वरित निस्तारण मुश्किल होता है। क्योंकि बारिश की वजह से मरम्मत और रखरखाव का काम प्रभावित होता है। खास तौर पर जिन इलाकों में जलभराव की समस्या है, वहां पानी हटने या कम होने का इंतजार करना पड़ेगा। अफसरों ने बताया कि खुले पैनल बॉक्स को ढंकने, लटके और बेतरतीब बिखरी लाइनों को व्यवस्थित किया जा रहा है। जल्द ही नागरिकों की शिकायतें दूर कर दी जाएंगी।

जानवरों की हुई मौत
खुले पैनल बॉक्स और लटके तारों की वजह से गौतमबुद्ध नगर में हाल-फिलहाल में ही कई जानवरों की मौत हो गई। नोएडा के कई इलाकों में कई गोवंश की मौत के मामले सामने आए। जबकि सेक्टर-18 जैसी भीड़भाड़ वाली मार्केट के खुले पैनल बॉक्स में फंसकर विगत दिनों ही एक आवारा कुत्ते की मौत हो गई। इस पर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने प्राधिकरण समेत सभी संबंधित विभागों से इनको कवर कराने की मांग की।

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