मॉर्निंग वॉक पर निकले थे सुबोध मेहता, अथॉरिटी की डॉग पालिसी फेल 

नोएडा में रिटायर आईएएस अफसर बने कुत्ते का निशाना : मॉर्निंग वॉक पर निकले थे सुबोध मेहता, अथॉरिटी की डॉग पालिसी फेल 

मॉर्निंग वॉक पर निकले थे सुबोध मेहता, अथॉरिटी की डॉग पालिसी फेल 

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Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है। आएदिन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। तमाम सेक्टरों में आवारा कुत्तों पर पाबंदियों को लेकर लगातार नोएडा प्राधिकरण से शिकायत की जा रही है, लेकिन उसके बावजूद घटना कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला सेक्टर-151 जेपी अमन सोसाइटी (JP Aman Society) का है। वहां एक बुजुर्ग को आवारा कुत्ते ने बुरी तरह काट लिया। इस घटना के बाद सोसाइटी के निवासियों में रोष है। हाल में गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई थी।

अथॉरिटी से की कई बार शिकायत
जेपी अमन सोसाइटी एओए के अध्यक्ष योगेश सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह रिटायर आईएएस अधिकारी सुबोध मेहता मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। इस दौरान एक कुत्ते ने उन पर अटैक कर घायल कर दिया। इस घटना से सोसाइटी के निवासियों में रोष है। लोगों का कहना है कि सोसाइटी में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। आवारा कुत्ते हर दिन किसी न किसी को काट रहे हैं। निवासी ने अपने बच्चों को खेलने के लिए बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। इसकी शिकायत कई बार अथॉरिटी से की गई है। आम आदमी परेशान है। उनका कहना है कि अथॉरिटी केवल योजनाएं बनाती है। काम कुछ नहीं कर रही है।
डॉग पॉलिसी फेल
नोएडा प्राधिकरण की महीनों पहले आई डॉग पॉलिसी धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही है। शहर में लगातार कुत्तों की काटने की घटना में बढ़ोतरी हो रही है। जुलाई में 1000 से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटकर घायल किया है। प्रतिदिन जिला अस्पताल में लगभग 100 से अधिक लोग टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा लोग निजी अस्पताल और क्लीनिक में भी रेबीज का टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। रोजाना मामले सामने आने के बावजूद इसका सामाधान अब तक नहीं निकल पाया है। शहरवासियों के अनुसार, प्राधिकरण की डॉग पॉलिसी लागू होने का भी कोई खास असर नहीं दिख रहा है। कुत्तों के अलावा कई जगह बंदर भी लोगों के डर का कारण बने रहे हैं।

रेबीज क्या है
रेबीज एक घातक वायरस है, जो संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है। रेबीज वायरस आमतौर पर बिल्ली, गाय, कुत्ते, बकरी, घोड़े, चमगादड़, लोमड़ी, बंदर और चूहे आदि के काटने से फैलता है। एक बार जब किसी व्यक्ति में रेबीज के लक्षण दिखने शुरू होते हैं तो फिर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है और लोगों की जान चली जाती है।

यह सावधानी बरतें
किसी स्थान पर कुत्ते ने काटा है तो वहां पर साबुन या डेटॉल से साफ कर लें। कुत्ते के काटने पर घरेलू नुस्खे के आजमाने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह पर रेबीज और टेटनेस का इंजेक्शन लगवाएं। जख्म होने पर डॉक्टर की सलाह पर पट्टी करवाएं।

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