Noida News : नोएडा (Noida) शहर को साफ-सुथरा बनाने और "राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन" में अच्छी रैंकिंग हासिल करने के लिए नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) बड़ा अभियान चला रही हैं। मंगलवार को ऋतु महेश्वरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, "शहर साफ रहे यह जिम्मेदारी जितनी विकास प्राधिकरण की है, उतनी ही शहर के लोगों की भी है। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझकर बेहतर सफाई व्यवस्था बनाने में सहयोग करना होगा।" दरअसल, तमाम कवायद के बावजूद शहर के लोग इस अभियान को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्वच्छता एप डाउनलोड करने के मामले में नोएडा शहर सहारनपुर से भी बिछड़ गया है।
ऋतु महेश्वरी ने आगे कहा, "इस कम्यूनिकेशन गैप को पूरा करने की जरूरत है। शहरवासियों को अपनी भागीदारी निभानी होगी। तब जाकर 25वें स्थान से हम स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के टॉप-5 शहरों में शामिल हो सकेंगे। हमारा प्रसास नोएडा को नंबर वन बनाने का है।" नोएडा विकास प्राधिकरण मुख्यालय के सामने सेक्टर-6 इंदिरा गांधी कला केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में सीईओ ने अंबिकापुर और इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा, "वहां के लोग एक-दूसरे को गंदगी फैलाने से रोकते हैं। स्वच्छता को लेकर ऐसी ही भावना नोएडा के लोगों में भी होनी चाहिए।"
स्वच्छता एप डाउनलोड करने में दसवें नंबर पर खिसका नोएडा, सहारनपुर से भी पिछड़ा -
ऋतु महेश्वरी ने कहा, "लोगों को खुद के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह स्वच्छ रखने की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ेगी। यह काम आगे बढ़कर करना पड़ेगा। इसलिए प्रत्येक कार्यक्रम के अंत में स्वच्छता की शपथ दिलाई जाती है।" उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में नोएडा ने देशभर में 25वीं रैंक हासिल की है। जबकि, उससे पहले 2019 में यह रैंक 150 थी। 2021 स्वच्छता सर्वेक्षण में नोएडा को 10 लाख की आबादी की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। ऋतु महेश्वरी ने कहा, "स्वच्छता एप डाउनलोड करने के मामले में पहले हम टॉप तीन शहरों में थे। अब 10वें नंबर पर पहुंच गए हैं। सहारनपुर जैसे शहर टॉप थ्री में आ गए है। यहां कम्यूनिकेशन गैप है। इसे दूर करना होगा। लोगों को बढ़चढ़कर एप डाउनलोड करके अपनी राय देनी चाहिए। ये हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी के तौर पर लेना चाहिए। स्वच्छता सर्वेक्षण में नागरिक भागीदारी सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण घटक है। 2020 में यह मार्किंग का 25 प्रतिशत था। अबकी बार 30 प्रतिशत है। इस स्थिति में फीडबैक मिलता रहना चाहिए।"
मंगलवार को आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण मिश्र, विशेष कार्याधिकारी इंदू प्रकाश सिंह और अविनाश त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक एससी मिश्रा, नोएडा एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी राजकुमार आदि मौजूद रहे। आपको बता दें कि शहर में बतौर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नियुक्त होने के बाद ऋतु महेश्वरी ने स्वच्छता अभियान में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। शहर में शत-प्रतिशत "डोर टू डोर" गारबेज कलेक्शन किया जा रहा है। 210 छोटे वाहन घरों से 4 श्रेणियों (सूखा, गीला, घरेलू हैजर्ड और सेनेट्री वेस्ट) का कूड़ा उठाया जा रहा है। यह कूड़ा एकत्रित करके शहर में 21 स्थानों पर लगे एफसीटीसी पर ले जाया जाता है। यहा से डंप साइट पर ले जाया जाता है। सीएडंडी वेस्ट का निस्तारण सेक्टर-80 में सीएनडी वेस्ट प्लांट में किया जाता है।
तेजी के साथ शहर में आधारभूत ढांचे का विकास किया गया है -
ई-वेस्ट के लिए 21 स्थानों पर ई-वेस्ट वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं। खुले में शौच मुक्त करने के लिए 119 यूरिनल ब्लॉक्स, 112 सार्वजनिक शौचालय, 56 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। इसके अलावा 12 पिंक शौचालय भी बनाए गए। प्रतिदिन करीब 300 किलोमीटर और 30 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों की सफाई मैकेनिकल स्वीपिंग के जरिए करवाई जा रही है। इसकी निगरानी कमांड कंट्रोल रूम से की जाती है। गीले कचरे के जैविक निस्तारण के लिए 8 खाद्य संयंत्र और 4 जैव मेथनेशन संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए एक दर्जन से ज्यादा अभियान चल रहे हैं -
नंगली वाजिदपुर गांव में अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल बनाया गया है। इसके साथ सेक्टर-14ए शनि मंदिर के निकट 2,000 गायों के लिए गौशाला और 500 नंदियों के लिए नंदीशाला बनाई जा रही है। सीवरेज के पानी को रिसाइकिल करके 70 प्रतिशत तक पुनः प्रयोग में लाया जा रहा है। स्वच्छता नायकों का मनोबल बढ़ाने के लिए सम्मान समारोह आयोजित किए गए हैं। शहर के 75 बड़े नालों में बम्बू नेट का प्रयोग किया जा रहा है। थ्री आर (रियड्यूस, रियूज व रिसाइकल) के आधार पर बर्तन बैंक बनाया गया है। स्वच्छता प्रतियोगिता, वॉल पेटिंग, सफाईगिरी और नुक्कड़ नाटक, थैला बैंक, प्लास्टिक वेंडिंग मशीन की स्थापना की गई है। शहर में 350 विलोपित कूड़ा घर और इंटीग्रेटड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं।