NOIDA : उत्तर प्रदेश सरकार के सवा चार वर्षों के कार्यकाल में नोएडा अथॉरिटी के कामकाज पर खुशी जाहिर करते हुए राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, "नोएडा में रियल एस्टेट सेक्टर एकबार फिर चल निकला है। यह बहुत जल्दी रफ्तार पकड़ने वाला है। दरअसल, कई बड़ी कंपनियां शहर में आ रही हैं। बड़ा पूंजी निवेश कर रही हैं। जिससे बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग नोएडा में बसेंगे। इससे घरों की मांग बढ़ेगी।" ट्राईसिटी टुडे से खास बातचीत में औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार के कार्यकाल में विकास प्राधिकरण की छवि सुधरी है। भ्रष्टाचार खत्म हुआ है।"
'नोएडा अथॉरिटी ने कामकाज को पारदर्शी बनाया'
योगी आदित्यनाथ सरकार के सवा चार वर्षों में नोएडा अथॉरिटी को 20,560 करोड़ का निवेश हासिल हुआ है। करीब डेढ़ लाख लोगों को 855 नई औद्योगिक इकाइयों में रोजगार मिले हैं। इस मुद्दे पर ट्राईसिटी टुडे से बातचीत करते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, "निसंदेह नोएडा अथॉरिटी ने बहुत अच्छे परिणाम दिए हैं। राज्य के औद्योगिक विकास में इस विकास प्राधिकरण का महत्वपूर्ण योगदान है। खासतौर से पिछले 4 वर्षों के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने कामकाज करने के तरीके में व्यापक बदलाव किया है। भूमि आवंटन से लेकर तमाम दूसरी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाया है। हमने प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार को काफी हद तक समाप्त कर दिया है।"
'अब भ्रष्टाचार, सिफारिश और दबाव से काम नहीं होता'
सतीश महाना ने कहा, "एक वक्त था, जब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में 'अंडर टेबल सिस्टम' हावी था। शहर में आम आदमी तक को यह प्रथा मालूम थी। पिछले 4 वर्षों के दौरान भूमि आवंटन प्रक्रिया बेहद साफ सुथरी हुई है। भ्रष्टाचार, सिफारिश और दबाव के आधार पर प्राधिकरण में काम होना बंद हो गया है।"
'शहर में निवेश गिरने के कारण घरों की मांग नहीं थी'
सतीश महाना ने आगे कहा, "नोएडा का रियल एस्टेट बहुत जल्दी रफ्तार पकड़ने वाला है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश गिर गया था। जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी आई। बाहर से नए लोग नहीं आने के कारण घरों की मांग नगण्य हो गई थी। अब शहर में अडानी और माइक्रोसॉफ्ट समेत तमाम दूसरी कंपनियां आ रही हैं। उनके लाखों कर्मचारी शहर में आकर बसेंगे। इससे घरों की मांग तेजी के साथ बढ़ेगी। सीधा फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा। नोएडा का रियल एस्टेट राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है।"
'अथॉरिटी से बेहद संतोषजनक परिणाम मिले हैं'
सतीश महाना ने आगे कहा, "मैंने विकास प्राधिकरण के कामकाज की लखनऊ में 2 दिन पहले समीक्षा की है। बेहद संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में कुछ और अच्छे फैसले औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देंगे। जिसका सीधे-सीधे आम आदमी तक लाभ पहुंचेगा। हमारे कार्यकाल के दौरान कोई व्यक्ति यह नहीं बता सकता कि सिफारिश या किसी भी तरह के अनाधिकृत तरीके से प्राधिकरण ने काम किया है।"
'फ्लैट खरीदारों, किसानों, बिल्डरों की समस्याएं सुलझीं'
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा, "हम लोग फ्लैट खरीदारों, किसानों और बिल्डरों की समस्याओं पर तेजी के साथ काम कर रहे हैं। जब हम लोगों ने काम शुरू किया था तो परिस्थितियां बेहद उलझी हुई थीं। काफी हद तक समस्याओं को सुलझा लिया गया है। बाकी दिक्कतें भी बहुत जल्दी दूर हो जाएंगी।"
आपको बता दें कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने 1 अप्रैल 2017 से लेकर 16 जून 2021 तक अपने कामकाज का ब्यौरा पेश किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अथॉरिटी ने शहर के लिए 200 अजब रुपये से ज्यादा निवेश हासिल किया है। इसी दौरान करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार देने में कामयाबी हासिल की है। बड़ी बात यह है कि नोएडा अथॉरिटी ने कोरोना महामारी को भी अवसर में बदल कर कामयाबी हासिल की है। इन्हीं बिंदुओं पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने यह बातें कहीं हैं।