Noida News : ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक विवादित मामला सामने आया है। यहां के कुछ पूर्व एओए सदस्यों पर वर्ष 2017 से 2022 के दौरान सोसाइटी के फंड का गबन करने का आरोप है। इस घोटाले को लेकर वर्तमान बोर्ड के कुछ सदस्य जैसे हरीश मदन, डॉ. प्रियंका चौधरी और सुषमा मोहन पुराने बोर्ड सदस्यों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे सोसाइटी के हितों पर असर पड़ रहा है और ईमानदार सदस्यों के काम में बाधा आ रही है।
फॉरेंसिक ऑडिट की सिफारिश
वर्तमान एओए ने रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज से वित्तीय वर्ष 2017-2022 के दौरान की गई गतिविधियों की जांच के लिए आग्रह किया था। रजिस्ट्रार ने संचित के द्वारा ऑडिट कराया जिसमें फॉरेंसिक ऑडिट की सिफारिश की गई। साथ ही, वर्तमान एओए और सदस्यों ने पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर से 2017-2022 के एओए सदस्यों पर गबन के मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। एसएसपी गौतमबुद्ध नगर ने भी प्रारंभिक जांच कराई थी।
29 मई को अगली सुनवाई
रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज द्वारा फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त न करने पर वर्तमान एओए ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की। न्यायालय ने 2 मई 2024 को आदेश दिया कि मामले में पूरी तरह से निर्देश दिए जाएं। अगली सुनवाई 29 मई 2024 को है। न्यायालय ने 17 पूर्व एओए सदस्यों को भी निर्देशित किया है कि वे 2017-2022 के दौरान किए गए घोटालों की फॉरेंसिक जांच में सहयोग करें। इन 17 लोगों में उमंग सिटी, मनीष गुप्ता, पीवीएस प्रकाश, आशुतोष गर्ग, अविनाश माथुर, महिमा जोशी, पिंकी सिंह, सुब्रमण्यम तरंग गोयल, अविनाश अग्रवाल, नादिर रहमान, क्षितिज पुनीता, अमित जैन, अंजू पूनिया, मनमीत सिंह और स्वाति अग्रवाल शामिल हैं।
धारा 340 के तहत मुकदमा
निवासियों ने बताया कि वर्तमान बोर्ड सदस्य डॉ. प्रियंका चौधरी, जो खुद को जनरल सेक्रेटरी बता रही हैं, इन पुराने बोर्ड सदस्यों को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। उनके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में धारा 340 के तहत भी मुकदमा दायर किया गया है। इस पूरे मामले ने सोसाइटी के सदस्यों में रोष पैदा कर दिया है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। सभी की निगाहें उच्च न्यायालय की अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।