सिक्योरिटी गार्ड्स ने खोला एजेंसियों का कच्चा चिट्ठा, ना पीएफ, ना इंश्योरेंस और ना...

Noida News : सिक्योरिटी गार्ड्स ने खोला एजेंसियों का कच्चा चिट्ठा, ना पीएफ, ना इंश्योरेंस और ना...

सिक्योरिटी गार्ड्स ने खोला एजेंसियों का कच्चा चिट्ठा, ना पीएफ, ना इंश्योरेंस और ना...

Tricity Today | सिक्का कार्मिक सोसायटी

Noida : नोएडा सेक्टर-78 में स्थित सिक्का कार्मिक ग्रीन्स हाउसिंग सोसायटी में एक सुरक्षाकर्मी की बिल्डर की लापरवाही के कारण मौत हो गई। इस घटना के बाद सोसाइटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोसाइटी के सिपाहियों ने मुख्य गेट के बाहर स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया। गार्डों का आरोप है कि अगर किसी हादसे में घायल हो जाए या उनकी मौत हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। कंपनियां सुरक्षा के नाम पर गार्डों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। सोसाइटी में तैनात सिक्योरिटी सिपाहियों ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले को लेकर सिक्का कार्मिक ग्रीन्स हाउसिंग सोसायटी के सिक्योरिटी इंचार्ज विक्रम ने कहा, “सोसाइटी में 3 साल से सुरक्षाकर्मी नौकरी कर रहे हैं। लेकिन ना हमारा यह पीएफ है ना ही इंश्योरेंस की सुविधा है। अगर किसी गार्ड की तबीयत खराब हो जाती है तो उसे एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाना पड़ता है। सुरक्षा एजेंसियों ने हमें ईएसआई की सुविधा भी नहीं दी है। अगर किसी गार्ड के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। सोसाइटी में नौकरी कर रहे सभी गार्डों को 20 तारीख के बाद तनखा मिलती है।”

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते रविवार की सुबह बारिश के दौरान सिक्का कार्मिक हाउसिंग सोसाइटी में लोहे का गेट टूट कर 28 साल के सुरक्षाकर्मी रामहित यादव के ऊपर गिर गया था। इस हादसे में रामहित यादव गंभीर रूप से घायल हो गया और उसको इलाज के लिए एक नोएडा के प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया। हालत ज्यादा नाजुक होने के बाद सिक्योरिटी गार्ड को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रेफर किया गया। जहां पर उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है।

निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ शुरू किया प्रदर्शन
सोसाइटी के निवासियों ने मुख्य गेट पर बिल्डर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। लोगों का आरोप है कि बिल्डर की लापरवाही से सिक्योरिटी गार्ड की मौत हुई है। उसके बावजूद भी बिल्डर की तरफ से पीड़ित परिजनों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। रामहित यादव के जीजा का कहना है कि जब तक उनको इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन चलता रहेगा।

परिजनों ने की ₹50 लाख मुआवजा देने की मांग
परिजनों ने बताया कि बिल्डर ने रामहित यादव की जान की कीमत केवल 2 लाख रुपए तय की है, जिसको उन्होंने ठुकरा दिया है। रामहित यादव की करीब डेढ़ साल पहले शादी हुई है और उसकी पत्नी के पेट में 7 महीने का बच्चा पल रहा है। इसके लिए परिजनों ने कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। बताया जा रहा है कि इस पर बिल्डर अभी तक राजी नहीं हुआ है।

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