Noida News : नोएडा की जलवायु विहार हाउसिंग सोसायटी की दीवार गिरने के मामले में विकास प्राधिकरण के अफसरों और इंजीनियरों की भारी चूक सामने आई है। पता चला है कि दीवार के बराबर में नाले की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाई जा रही थी। इसी वजह से भारी-भरकम दीवार भरभरा कर गिर पड़ी। मलबे में दबने से 4 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई है। अभी कई अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। हालांकि, नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने मामले में जांच करके जिम्मेदार अफसरों और इंजीनियरों पर एक्शन लेने की बात कही है, लेकिन इस लापरवाही ने 4 लोगों की जान ले ली है। जिसे लेकर शहर के लोगों में गुस्सा है।
दीवार की बराबर में जेसीबी से खुदाई चल रही थी
जलवायु विहार हाऊसिंग सोसायटी की जो दीवार गिरी है, उसके बराबर में नोएडा प्राधिकरण जेसीबी से खुदाई करवा रहा था। यह दीवार करीब 25-30 साल पुरानी है। शहर के लोगों का कहना है कि पुरानी और जर्जर दीवार के नीचे नाला बनाने के लिए जेसीबी से खुदाई की जाएगी तो क्या होगा? क्या मजदूर ऐसे ही कुर्बानी देते रहेंगे और इसमें किसी की कोई लापरवाही नही है? बाकी मजदूर खुद किसी तरह बचकर भाग गए। आखिर यह पूरे शहर में किया क्या जा रहा है?
एमडी प्रोजेक्ट नाम की कम्पनी को दिया था टेंडर
मिली जानकारी के मुताबिक यह नाला बनाने के लिए अथॉरिटी ने ठेका छोड़ा था। यह ठेका 92 लाख रुपये में प्राधिकरण ने एमडी प्रोजेक्ट नाम की कम्पनी को दिया था। कम्पनी दीवार की बराबर में जेसीबी मशीन से खुदाई करवा रही थी। शहर के वर्क सर्किल-2 की निगरानी में यह काम चल रहा था। इस वर्क सर्किल की जिम्मेदारी उपमहाप्रबन्धक श्रीपाल भाटी के पास है। मामले में डीजीएम और उनके इंजीनियरों की टीम ने बड़ी लापरवाही की है।
25-30 साल पुरानी दीवार के नीचे लापरवाही से खुदाई की गई
मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर-21 की जलवायु विहार रेजिडेंशियल सोसायटी की यह बाउंड्रीवॉल करीब 25 साल पुरानी थी। बाउंड्री वॉल जर्जर हो चुकी थी। दीवार की बराबर में नाले का र्निर्माण करने के लिए मजदूरों को लगाया गया था। इस दीवार का निर्माण जलवायु विहार सहकारी आवास समिति ने करवाया था। अब नोएडा अथॉरिटी दीवार की बराबर में नाला बनवा रही है। जिसके लिए पुरानी दीवार के नीचे जेसीबी से खुदाई करवाई जा रही थी। इसी दौरान मंगलवार की सुबह यह हादसा हुआ है। जिसमें 13 मजदूर दब गए। चार की मौत हो गई और कई को गंभीर चोट लगी हैं। घायल मजदूरों का अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है।