Noida : पर्थला गोलचक्कर पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज (Noida Signature Bridge) के लिए पेड़ों को शिफ्ट करने पर फिलहाल रोक दिया गया है। पेड़ों को किस तरह शिफ्ट किया जाए, इसके लिए सोमवार को नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) कार्यालय में बैठक होगी। बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि आगे किस तरह काम बढ़ाया जाए। गलत तरीके से पेड़ों को शिफ्ट करने का मुद्दा शहर के लोगों ने उठाया था। पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने इस मसले पर प्राधिकरण को मैसेज भेजा था।
पर्थला गोलचक्कर पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज के लिए 1601 पेड़ शिफ्ट किए जाने हैं। जबकि 217 पेड़ काटे जाने हैं। खास बात यह है कि यहां पर ठेकेदार अपनी मनमर्जी से पेड़ों को शिफ्ट करने के नाम पर गलत ढंग से उखाड़ रहे हैं। इसको लेकर पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ ने नोएडा प्राधिकरण और वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी। इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री और पीएमओ से भी ट्विटर के जरिए शिकायत की थी।
विक्रांत तोंगड़ का कहना है कि दिल्ली में बनने वाले सेंट्रल विस्टा के लिए भी पेड़ों को शिफ्ट किया जाना है, लेकिन वहां सीपीडब्लूडी विशेषज्ञों के जरिए 2 करोड़ रुपए खर्च करके पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया रहा है। नोएडा में विकास प्राधिकरण इस प्रक्रिया को मुफ्त में करवा रहा है। नोएडा में जिस तरह से पेड़ों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है, इससे वह नई जगह पनप नहीं पाएंगे और खत्म हो जाएंगे। ऐसे में पेड़ों को शिफ्ट करने के लिए वैज्ञानिक रीति अपनाई जाए, ताकि परियोजना के काम में भी अटकाव न हो और हरियाली भी बनी रहे।
विक्रांत ने कहा कि नोएडा शहर पहले से ही कंक्रीट में तब्दील होता जा रहा है। इस मामले में शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नोएडा प्राधिकरण ने फिलहाल पेड़ों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया रोक दी है। इस बारे में उद्यान विभाग के उपनिदेशक महेंद्र प्रकाश का कहना है कि किस तरह से पेड़ों को शिफ्ट किया जाए, इसको लेकर सोमवार को बैठक होगी। जो भी उचित प्रक्रिया होगी, उसे अपनाया जाएगा।
फ्लाईओवर 6 लेन का और 697 मीटर लंबा होगा : यह फ्लाईओवर छह लेन का बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 697 मीटर होगी। इस फ्लाईओवर के निर्माण से नोएडा में सेक्टर 51, 52, 61, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121 और 122 के निवासियों को यातायात में काफी सुगमता होगी। इसके अलावा दिल्ली सरिता विहार से गाजियाबाद, हापुड़, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ओर जाने के लिए सिग्नल फ्री यातायात मिलेगा। फ्लाईओवर प्रोजेक्ट को केवल 365 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट पर जल्दी से जल्दी काम करने का आदेश मुख्य कार्यपालक अधिकारी को महेश्वरी ने दिया था।