Noida News : नोएडा (Noida) में आज शूटर दादी चंद्रो तोमर (Shooter Dadi Chandro Tomar) के नाम से शूटिंग रेंज की शुरुआत होने जा रही है। नोएडा के सेक्टर-21ए स्टेडियम में 20 करोड़ रुपए की लागत से 4,450 वर्ग मीटर में शूटिंग रेंज का निर्माण कराया गया है। भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर के नाम से शूटिंग रेंज की शुरुआत की जा रही है।
धीरेंद्र सिंह और पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने लिखा था पत्र
आपको बता दें कि जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक धीरेंद्र सिंह ने नोएडा में बनने वाले इस शूटिंग रेंज का नाम शूटर दादी चंद्रो तोमर के नाम पर रखने की मांग की थी। धीरेंद्र सिंह की इस मांग पर योगी आदित्यनाथ ने मुहर करीब 7 महीने पहले लगा दी थी। बीते 22 जून को योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में बनने वाले शूटिंग रेंज को "चंद्रो तोमर शूटिंग रेंज" का नाम बदलने की घोषणा की थी। इसकी सिफारिश ना ही केवल धीरेंद्र सिंह बल्कि, गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कही थी।
एक साथ 66 शूटर हिस्सा ले सकेंगे
सेक्टर-21ए में बना शूटिंग रेंज में एक साथ 66 शूटर हिस्सा ले सकेंगे। नोएडा प्राधिकरण ने 4,450 वर्ग मीटर में करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से इसको बनाया था। इसमें सिविल के कामकाज की 14 और 6 करोड़ बिजली विभाग की लागत आई थी। इसका शुभारंभ 25 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसमें 700 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। यहां पर कोच, जज रूम के अलावा कॉन्फ्रेंस रूम सहित कई सुविधाएं हैं। इसका शुभारंभ होने के बाद इसमें यूपी स्टेट राइफल एसोसिएशन की ओर से मार्च महीने में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। तब तक इसके संचालन के लिए एजेंसी का चयन नहीं हो सका था। अब नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन कर लिया है। इसका जिम्मा मानव रचना एजेंसी को सौंपा है।
इस शूटिंग रेंज में तीन श्रेणी के शूटिंग स्टेशन बनाए - वर्ग स्टेशन 10 मीटर 33 25 मीटर 16 50 मीटर 17
कौन है शूटर दादी चंद्रो तोमर
दादी चंद्रो तोमर बागपत की रहने वाली थीं। वह दुनिया की सबसे उम्रदराज निशानेबाज थीं। इसी साल 30 अप्रैल को कोरोना वायरस से उनका निधन हो गया था। मेरठ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। मगर वह कोरोना वायरस को नहीं हरा सकीं। 21 जून को ही विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने खत में शूटिंग रेंज को दादी चंद्रो तोमर के नाम पर रखे जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा करके महिला सशक्तिकरण को बल दिया जा सकेगा। सही मायने में यह उन्हें श्रद्धांजलि होगी। इस फैसले से उनके नाम को अमरत्व मिलेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करेगी।