लग्जरी जिंदगी जीने वाले को लुक्सर जेल में रात काटनी पड़ी भारी, खाना भी नहीं खाया

Noida Shrikant Tyagi Case : लग्जरी जिंदगी जीने वाले को लुक्सर जेल में रात काटनी पड़ी भारी, खाना भी नहीं खाया

लग्जरी जिंदगी जीने वाले को लुक्सर जेल में रात काटनी पड़ी भारी, खाना भी नहीं खाया

Tricity Today | Shrikant Tyagi

Noida Shrikant Tyagi Case : भारी सुरक्षा और लाव लश्कर के बीच लग्जरी जिंदगी जीने वाला श्रीकांत त्यागी ने लुक्सर जेल में पूरी रात करवट बदलते हुए बिताई। श्रीकांत ने जेल में प्रशासन से दो कंबल और एक चादर लिया। रात को उसने जेल का खाना नहीं खाया, लेकिन सुबह उसने जेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराया गया नाश्ता लिया है।

हाई सिक्योरिटी बैरक में कैद है श्रीकांत
जेल सुपरिंटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीकांत को सुरक्षा के मद्देनजर हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। उन्होंने जेल प्रशासन से दो कंबल और एक चादर लिया है। जेल में सभी कैदी जमीन पर सोते हैं। चाहे वे कितने भी प्रभाव शाली क्यों ना हो। सूत्रों के अनुसार श्रीकांत की पूरी रात जमीन पर सोते समय करवट बदलते हुए कटी। वह रात को कुछ तनाव में भी दिखाई दिया। बुधवार सुबह वह नॉर्मल था और उसने नाश्ता ग्रहण किया।

गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज
पुलिस सूत्रों के अनुसार श्रीकांत के ऊपर दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में नोएडा पुलिस कोर्ट से उसकी रिमांड की मांग कर सकती है। बताया जाता है कि पुलिस उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर उसकी संपत्ति कहां-कहां पर है, इसकी जांच करना चाह रही है। श्रीकांत त्यागी के खिलाफ दर्ज कई मुकदमों के मद्देनजर थाना फेस-2 पुलिस ने मंगलवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस और अभियोजन ने अदालत को दी यह जानकारी
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को ओमेक्स ग्रैंड हाउसिंग सोसायटी में श्रीकांत ने एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया था। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। वह शहर छोड़कर भाग गया। पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे मंगलवार की सुबह गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं श्रीकांत की गिरफ्तारी पर ₹25,000 का इनाम घोषित करना पड़ा है। यह सारी जानकारी पुलिस और अभियोजन ने अदालत को दी है। 

पुलिस ने कहा- श्रीकांत को जमानत देना उचित नहीं रहेगा
अभियोजन ने अदालत को बताया कि श्रीकांत और उसके साथियों का अपराध गंभीर प्रवृत्ति का है। इसके अलावा यह सारे लोग कानून का पालन करने वाले नहीं है। इनकी प्रवृत्ति कानून तोड़ने की है। श्रीकांत ने पूरे मामले के दौरान कानून का पालन नहीं किया और पुलिस को सहयोग नहीं किया है। लिहाजा, ऐसे अभियुक्त को जमानत देना उचित नहीं रहेगा। पुलिस ने श्रीकांत का आपराधिक इतिहास भी अदालत को बताया है।

बचाव पक्ष ने कोर्ट ने रखा अपना तर्क
दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि यह दो पड़ोसियों के बीच आपसी मनमुटाव का मामला है। भावावेश में आकर श्रीकांत त्यागी ने गुस्से में बातें कही थीं। पूरे प्रकरण को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। मामले में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश भी की गई है। अभियुक्त इस कारण डर गया था। वह पूरी तरह कानून का पालन करने वाला है। पूर्व में दर्ज मुकदमों में सुनवाई चल रही है। अभियुक्त नियमित रूप से पुलिस और न्यायालय का सहयोग कर रहा है। शुरुआत में दर्ज की गई एफआईआर में केवल आईपीसी की धारा 354 आरोपित की गई थी। बाद में इस मुकदमे में अन्य धाराएं गलत ढंग से आरोपित की गई हैं। दूसरा मुकदमा भी अभियुक्त पर गलत ढंग से दबाव बनाने के लिए दर्ज किया गया है।

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