Noida News : सेक्टर-134 जेपी ग्रीन विश टाउन सोसायटी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को कथा व्यास डॉक्टर निधि तेलंग ने वामन अवतार एवं कृष्ण जन्म आदि प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया।
राजा बलि के दान की कथा
राजा बलि बहुत ही प्रतापी और दानी राजा है वह अश्वमेघ यज्ञ कराता है जहां भगवान विष्णु वामन रूप में प्रकट होते हैं। राजा बलि वामन भगवान से कुछ मांगने के लिए कहते हैं। वामन रूपधारी भगवान तीन पग भूमि दान में मांगते हैं जिस पर बलि और ज्यादा दान मांगने की बात करते हैं। भगवान केवल तीन पग भूमि मांगते है और वह विराट रूप धारण कर एक पग में आकाश और एक पग में पृथ्वी नाप लेते हैं, तीसरे पग में बलि अपना मस्तक आगे कर देता है। भगवान बलि की दानशीलता से प्रसन्न हो जाते हैं।
कृष्ण जन्मोत्सव पर थिरके सेक्टरवासी
अगले प्रसंग में कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। कंस ने अपने पिता उग्रसेन को राजगद्दी से उतारकर खुद राजा बन बैठा उसने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से कर दिया। जब कंस अपनी बहन को विदा करता है तो आकाशवाणी होती है कि देवकी का आठवां लाल तेरा काल होगा। कंस देवकी को मारने दौङता है, लेकिन वासुदेव के समझाने पर की वह अपनी सभी संतानों को उसे सौंप देंगे। कंस वासुदेव और देवकी को कारागार में डाल देता है। उनकी पैदा होने वाली संतानों को उसने एक एक कर मार डाला। आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लेते हैं और वासुदेव जी गोकुल में नंद के यहां कृष्ण को सौंप देते हैं और उनकी कन्या को लेकर वापस मथुरा आ जाते हैं। नंद बाबा के यहां कृष्ण का जन्म धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्मोत्सव पर सेक्टरवासी जमकर थिरकते हैं।
इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे, के के मिश्रा, राजेंद्र शर्मा, टी आर शर्मा, आशुतोष पांडे,अशोक कक्कड़ , मेहरा जी, सुभाष तैलंग आदि मौजूद रहे।