Noida News| Badaun : बरेली एंटी करप्शन टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की। बदायूं जिले के इस्लामनगर थाने में इंस्पेक्टर क्राइम के पद पर तैनात सिमरनजीत कौर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इंस्पेक्टर के पास से नकद 50 हजार रुपये की बरामद किए गए है। दरसल, एक दुष्कर्म पीड़िता ने इंस्पेक्टर कौर पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। पीड़िता का आरोप था कि इंस्पेक्टर कौर ने पहले 1 लाख रुपये की रिश्वत वसूल की थी और फिर 50 हजार रुपये और मांग रही थी।
क्या है मामला
बरेली एंटी करप्शन टीम के पुलिस उपाधीक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि दुष्कर्म के मामले में फैसले का दबाव बनाने के लिए आरोपी की पत्नी ने पीड़िता के खिलाफ रंगदारी और आईटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर इस मामले की जांच कर रही थीं। जब उन्हें महिला के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, तो उन्होंने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए पीड़िता से रुपयों की मांग की। एक लाख रुपये लेने के बाद भी इंस्पेक्टर ने और एक लाख रुपये मांगे। आखिरकार पीड़िता ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की और इंस्पेक्टर को ट्रैप किया गया। मंगलवार को उन्हें 50 हजार रुपये लेते गिरफ्तार कर लिया गया।
निठारी कांड
सिमरनजीत कौर पहले नोएडा के चर्चित निठारी कांड में ढुलमुल विवेचना करने के आरोप में है। आरोप है कि मोनिंदर सिंह पंडेर ने उन्हें 3 लाख रुपये रिश्वत भी दी थी ताकि वह केस से बाहर निकल सकें। इस मामले में ढुलमुल विवेचना करने के आरोप में बर्खास्त हो चुकी थीं। लेकिन बाद में 8 साल बाद वह कोर्ट के आदेश से आदेश से बरी हो गईं और बहाल हो गईं। उन्हें प्रमोशन मिला और वह इंस्पेक्टर बन गईं। लोकसभा चुनाव से पहले बदायूं भेज दिया गया था बदायूं में इस्लामनगर थाने में इंस्पेक्टर क्राइम बन गई थी। हालांकि, अब उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।