नोएडा के सामाजिक संगठनों ने ट्रैफिक पार्क बनाने की मांग की, डीसीपी से की भेंट

मुलाकात : नोएडा के सामाजिक संगठनों ने ट्रैफिक पार्क बनाने की मांग की, डीसीपी से की भेंट

नोएडा के सामाजिक संगठनों ने ट्रैफिक पार्क बनाने की मांग की, डीसीपी से की भेंट

Tricity Today | संगठन डीडीआरडब्ल्यूए ने डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा

Noida News : नोएडा के संगठन डीडीआरडब्ल्यूए ने डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा के साथ उनके कार्यालय में सोमवार, 11 अक्टूबर को बैठक की। इसमें डीडीआरडब्ल्यूए कार्यकारी समिति के साथ जिले के कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष एनपी सिंह ने की। बैठक में आए सभी सदस्यों का डीसीपी ने स्वागत किया। अफसर ने कहा कि जिले की यातायात संबंधी समस्याओं का निराकरण समय रहते सभी आरडब्ल्यूए, शहर के सामाजिक संगठनों आदि के फीडबैक से किया जा रहा है। बैठक में पहुंचे सभी सदस्यों का उन्होंने धन्यवाद किया।

बैठक के दौरान यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए उठाए गए मुख्य बिंदु इस प्रकार थे -
 1. सेक्टर-51 में स्थित मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल के सामने सेक्टर-50 और 51 की डिवाइडिंग रोड पर ट्रैफिक विभाग ने बैरिकेडिंग के जरिए कट बंद कर दिया है। आरडब्ल्यूए सेक्टर-51 ने नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से आरसीसी द्वारा इस कट को स्थायी रूप से बंद करने की मांग की।
 2. यातायात विभाग के आला अधिकारी और अफसर शहर की सड़कों पर ईमानदारी से काम करें तो जिले में हो रहे हादसों की संख्या में भारी कमी आ सकती है। लोगों का वक्त बचेगा और शहर का विकास होगा। शहर में गलत साइड और तेज रफ्तार वाहनों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। 
 3. शहर की यातायात समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों के सभी महत्वपूर्ण चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना बेहद जरूरी है। 
 4. शहर के इन सभी चौराहों पर लाल बत्ती का भी प्रावधान होना चाहिए। जिले के विभिन्न आरडब्ल्यूए, फेडरेशन, गैर सरकारी संगठनों, ग्राम संघों, औद्योगिक संघों आदि की मदद से यातायात स्वयंसेवी समूहों की स्थापना की जा रही है। 
 5. शहर के अधिकांश चौराहों पर ऑटो चालक लगातार सभी नियम तोड़कर वाहन चला रहे हैं। इसका उदाहरण सेक्टर-57 क्रॉसिंग पर देखने को मिलता है। 
 6.नोएडा, ग्रेटर नोएडा शहर में सार्वजनिक परिवहन में सिटी बसों की भारी कमी है। यहां के निवासियों को ज्यादातर अपने निजी परिवहन से यात्रा करनी पड़ती है। जिले में चल रहे इन सभी सार्वजनिक ऑटो को यूनिक नंबर और कलर कोडिंग के जरिए बांटने का काम पिछले कुछ समय से यातायात विभाग कर रहा है। 

बैठक के दौरान डीसीपी से अनुरोध किया गया कि ऑटो चालक और सभी यात्री तिपहिया, यात्री बस, ट्रक आदि के लिए ड्रेस कोड भी मालिक के नाम, उसके फोन नंबर और वाहन के विवरण में स्पष्ट अक्षरों में तय करें। यह भी अनिवार्य होना चाहिए।

जिले के अधिकांश वाहन चालक ऐसे हैं, जिन्हें यातायात नियमों की जानकारी नहीं है। जिले में ऐसा कोई भी ट्रैफिक पार्क नहीं है, जहां निवासियों को यातायात संबंधी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जा सके। संगठनों ने कहा, ऐसी व्यवस्था की जाए कि व्यवसायिक चालकों को यातायात नियमों की सहज जानकारी मिल सके।

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