संजीव मित्तल की अगुवाई वाली विशेष समिति ने नोएडा में जांच शुरू की, इन अफसरों पर गिरेजी गाज

Supertech Twins Tower Case : संजीव मित्तल की अगुवाई वाली विशेष समिति ने नोएडा में जांच शुरू की, इन अफसरों पर गिरेजी गाज

संजीव मित्तल की अगुवाई वाली विशेष समिति ने नोएडा में जांच शुरू की, इन अफसरों पर गिरेजी गाज

Tricity Today | Supertech Tower

Noida News : नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित 4 सदस्यीय एसआईटी आज नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) कार्यालय पहुंच गई है। यह टीम 2004 से 2017 के बीच तैनात अफसरों की जांच करेगी। यह पता लगाया जाएगा कि सुपरटेक ट्विंस टावर के निर्माण में किन अधिकारियों ने बिल्डर को बार-बार नक्शा बदलने की सलाह दी थी और संशोधित नक्शे को नियमों के विरुद्ध जाकर मंजूरी दी। समिति के अध्यक्ष संजीव मित्तल की अगुवाई में प्राधिकरण कार्यालय में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इसके बाद कई बड़े अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

सीएम सख्त हुए 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 हफ्ते में इस विशेष जांच समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) समेत सभी वरिष्ठ अफसर कार्यालय में मौजूद हैं। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद राज्य सरकार इस मामले को लेकर सख्त हो गई है। इससे पहले पिछले हफ्ते गुरुवार की सुबह नोएडा अथॉरिटी के प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल को सस्पेंड किया जा चुका है।

4 सदस्यीय कमेटी गठित की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूरे मामले को लेकर सख्त रूख अपना चुके हैं। उन्होंने सुपरटेक मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी में ग्राम विकास एवं पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल और यूपी के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन अनूप कुमार श्रीवास्तव एसआईटी में सदस्य नियुक्त किए गए हैं।

एक हफ्ते में देंगे रिपोर्ट
राज्य सरकार की तरफ से कहा गया था कि सुपरटेक बिल्डर को नोएडा के सेक्टर-93ए में आवंटित किए गए भूखंड संख्या जीएच-4 पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में अथॉरिटी और बिल्डर की मिलीभगत मानी गई है। आदेश पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है। यह एसआईटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध करवाएगी। इसके बाद जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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