बात करते वक्त ऐसे पढ़ें क्रिमिनल का माइंड, भूल से भी ना करें ये गलतियां

यूपी साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह से खास बातचीत : बात करते वक्त ऐसे पढ़ें क्रिमिनल का माइंड, भूल से भी ना करें ये गलतियां

बात करते वक्त ऐसे पढ़ें क्रिमिनल का माइंड, भूल से भी ना करें ये गलतियां

Tricity Today | यूपी साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह

Noida News : उत्तर प्रदेश का सबसे हाईटेक शहर नोएडा है। नोएडा में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल कंपनी आए हैं। जिनमें इंजीनियर और अन्य ऊंचे पद पर लोग काम करते हैं। उसके बावजूद भी नोएडा शहर में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा साइबर ठगी का शिकार होते हैं। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि अच्छे खासे पढ़े-लिखे लोग आसानी से साइबर क्रिमिनल की बात में आ जाते हैं। इस मुद्दे पर "TRICITY TODAY" टीम ने यूपी साइबर क्राइम के एसपी त्रिवेणी सिंह से खास बातचीत की है।

अनजान व्यक्ति से सावधानीपूर्वक बात करें
खास बातचीत में आईपीएस त्रिवेणी सिंह ने बताया, "अगर आपके पास किसी अनजान व्यक्ति का कॉल आए तो उससे सावधानीपूर्वक बात करें। अगर कभी भी पैसों की बात आती है तो सोच समझकर ही फैसला लें। अधिकतर देखा जाता है कि साइबर क्रिमिनल अपने आपको आपका रिश्तेदार या दोस्त बताकर पैसे मांगते हैं, लेकिन आपको इस बात की सावधानी बरतनी है कि पैसों की बात आने पर आप अलर्ट हो जाएं।"

ठगी का दूसरा तरीका लिंक
त्रिवेणी सिंह ने आगे कहा, "ठगी का दूसरा तरीका लिंक होता है। साइबर क्रिमिनल आपसे कहेंगे कि आप विजेता हो। आपको इनाम दिया जा रहा है, लेकिन इस पर आपको ध्यान देना है कि अनजान व्यक्ति कभी भी आपको इनाम नहीं दे सकता और दुनिया भर में ऐसी कोई स्कीम भी नहीं है। आप एक लिंक पर क्लिक करोगे और आपका अकाउंट खाली हो जाएगा।" 

ट्रांजैक्शन करते समय डेस्कटॉप या लैपटॉप का इस्तेमाल करें
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी साइबर क्रिमिनल के लिए फायदेमंद साबित होती जा रही है। त्रिवेणी सिंह का कहना है, "हो सके तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय डेस्कटॉप या लैपटॉप का इस्तेमाल करें। क्योंकि उसमें आपकी बैंक की डिटेल या कोई नंबर बैंक से लिंक नहीं होता है। मोबाइल के भीतर सिम कार्ड होता है। सिम कार्ड बैंक से लिंक होता है, जिसकी वजह से आसानी से आपका बैंक अकाउंट लिंक अटैच होकर साइबर क्रिमिनल को फायदा पहुंचा देता है।" 

ऑफिशियल वेबसाइट से ही संपर्क करें
उन्होंने आगे कहा, "वैसे आपको ध्यान रखना है कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय सावधानी बरती जाए। इसके अलावा ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ही ट्रांजैक्शन करें। अगर आपको कोई दिक्कत होती है तो कंपनी के द्वारा दिए गए वेबसाइट पर टोल फ्री नंबर पर कॉल करके जानकारी प्राप्त करें। अन्यथा आप ठगी का शिकार हो सकते हो।"

नोएडा समेत यह इलाके बड़े साइबर क्रिमिनलों के अड्डे
उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम के स्पीड प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अंतरराज्यीय सीमा क्षेत्र साइबर ठगों के लिए इस तरह के अपराध करने के लिए अनुकूल और सबसे उपयुक्त स्थान मेवात, जामताड़ा, नूंह, अलवर, मथुरा और नोएडा है। साइबर अपराधी अलग जगह पर अपराध करते हैं और अलग जगह पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहचान हमेशा नकली पाई जाती है और उन्हें केवल स्थान के आधार पर पकड़ा जा सकता है, यही वजह है कि उनके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों से लगातार अपना ठिकाना बदलना सुविधाजनक हो जाता है। 

त्रिवेणी सिंह की लोगों से अपील
त्रिवेणी सिंह ने बताया कि महानगर नोएडा में सभी सुविधाओं के साथ एक छोटे से नोटिस पर आसानी से कॉल सेंटर स्थापित किया जा सकता है। इन केंद्रों से विदेशी सबसे ज्यादा ठगे जाते हैं क्योंकि इससे उनके और पीड़ित के बीच की दूरी के कारण पकड़े जाने का जोखिम कम हो जाता है। ठग उनके पासपोर्ट को सत्यापित करने का बहाना करके उन्हें धोखा देते हैं। उन्होंने बताया कि जीरो-ट्रस्ट मॉडल को अपनाना रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है। स्वतंत्र रूप से बात करने या संवेदनशील विवरण साझा करने से पहले अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए। एसएसपी ने बताया की किसी को ठगों की पहचान तब करनी चाहिए जब फोन करने वाला पैसे मांगता है, क्योंकि कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी फोन पर पैसे की मांग नहीं करता है।

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