नोएडा में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में तेजी, 119 सेक्टरों के निवासियों को मिलेगा लाभ, पूरी जानकारी

अच्छी खबर: नोएडा में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में तेजी, 119 सेक्टरों के निवासियों को मिलेगा लाभ, पूरी जानकारी

नोएडा में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में तेजी, 119 सेक्टरों के निवासियों को मिलेगा लाभ, पूरी जानकारी

Tricity Today | सेक्टर-168 में बन रहा एसटीपी

नोएडा प्राधिकरण ने कोरोना वायरस का असर कम होते ही शहर के सेक्टर-168 और-123 में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के निर्माण में तेजी दिखाई है। इन दोनों प्लांट के शुरू होने के बाद शहर के पार्कों में शोधित जल से सिंचाई होगी। सड़कों पर इस जल का इस्तेमाल होगा। इससे भारी मात्रा में भूजल दोहन नहीं होगा और उस जल की बचत होगी। इन दोनों प्लांट की क्षमता 180 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) होगी। दोनों प्लांट के शुरू होने से शहर के 119 सेक्टर के निवासियों को फायदा मिलेगा। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी।

फिलहाल 190 एमएलडी पानी शोधन हो रहा 
साथ ही इन दोनों प्लांट के चालू होने के बाद नोएडा शहर को एक खास मुकाम मिलेगा। शहर को जीरो डिस्चार्ज सिटी के नाम से जाना जाएगा। बताते चलें कि अब तक नोएडा में 6 एसटीपी जल शोधन कर रही हैं। जिनसे रोजाना 190 एमएलडी पानी शुद्ध हो रहा है। नोएडा प्राधिकरण सीवेज जल का शोधन कर उसका इस्तेमाल कर रहा है। इस पानी से सड़कों की सफाई, पार्कों व कंस्ट्रक्शन साइट पर काम होगा। कोरोना महामारी की वजह से दोनों एसटीपी के निर्माण कार्य में रुकावट आई थी। लेकिन अब इनको बनाने का काम फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। इनके निर्माण में करीब 259 करोड़ 2 लाख रुपए की लागत आएगी। 
चार केंद्रों में बांटा गया है
नोएडा प्राधिकरण ने एसटीपी के लिहाज से शहर को 4 डिस्ट्रिक्ट ए,बी,सी,डी में वर्गीकृत किया है। ए डिस्ट्रिक्ट में 53 सेक्टर और 8 गांव शामिल हैं। बी में 18 सेक्टर और 4 गांव रखे गए हैं। सी में 28 सेक्टर और 9 गांवों को रखा गया है। जबकि डी डिस्ट्रिक्ट में 91 सेक्टर और 33 गांव सम्मिलित हैं। इन सभी डिस्ट्रिक्ट के लिए चार अलग-अलग सीवेज प्लांट बनाए गए हैं। ये प्लांट सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123 और सेक्टर-168 में बने हैं। इन प्लांट में पानी का शोधन किया जा रहा है। लेकिन प्राधिकरण ने अपने मास्टर प्लान साल 2031 में जल की बचत को प्रमुखता दी है। इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। 

क्षमता बढ़ेगी तो भूजल की बचत होगी
इसी क्रम में सेक्टर-123 में 80 और सेक्टर-168 में 100 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी निर्मित हो रहे हैं। इसके बाद सेक्टर-123 एसटीपी की क्षमता बढ़कर 115 एमएलडी हो जाएगी। जबकि सेक्टर-168 में स्थित एसटीपी की क्षमता 150 एमएलडी होगी। इन चारों एसटीपी प्लांट से रोजाना करीब 411 एमएलडी पानी शोधित हो सकेगा। जल संरक्षण, खास कर भूजल संरक्षण के लिहाज से यह काफी अहम होगा। प्राधिकरण ने सीवेज लाइनों को जोड़ने का काम भी शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि सेक्टर-80, 81, 82, 83, 84 और होजरी कॉन्प्लेक्स को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी है। इन सेक्टर में एसटीपी की लाइन को मास्टर एसटीपी वन, सेक्टर-136 से कनेक्ट किया गया है। यह सीवेज सेक्टर-168 से मिलेगा। प्राधिकरण अपने मास्टर प्लान 2031 में कई बड़े बदलाव करेगा।

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