Noida News : सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई अस्पताल में लाखों रुपए की गायब हुई बैटरी का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। इस घटना के 15 दिन बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जबकि यह मामला उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के व्यक्तिगत संज्ञान में है। अपने नोएडा दौरे के दौरान उन्होंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिकायत के बावजूद पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। फिलहाल मामला ठंडा बस्ते में है। दूसरी तरफ, आंतरिक जांच समिति ने अब तक जांच पूरी नहीं की है। जांच का समय 15 दिन बढ़ा दिया गया है। चोरी के इस मामले में कई स्टाफ पुलिस की रडार पर हैं, क्योंकि बिना कर्मचारी की मिलीभगत के इतनी बड़ी चोरी संभव नहीं है।
शासन तक पहुंचा मामला
पिछले दिनों नोएडा दौरे पर आए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक इस मामले पर सख्त दिखे। उन्होंने कहा कि यह मामला शासन तक पहुंच गया है। बैटरी चोरी का प्रकरण मेरे संज्ञान में भी है। अगर किसी विभागीय कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोई भी दोषी नहीं बचेगा। इस दौरान उन्होंने पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे।
क्या है मामला
चाइल्ड पीजीआई में 72 लाख रुपये की 1435 बैटरियां गायब हो गईं। चाइल्ड पीजीआई से जो बैटरी चोरी हुई, उन्हें नोएडा प्राधिकरण की तरफ से अस्पताल की स्थापना के दौरान पावर बैकअप के लिए लगाया गया था। लेकिन, कुछ सालों बाद यूपीएस खराब होने के बाद इसकी बैटरियों को माइनस-1 बेसमेंट में रखवा दिया गया था। हाल में जब संबंधित एजेंसी के साथ निरीक्षण किया गया तो कमरे में बैटरी नहीं मिली। जिस जगह पर यह बैटरी रखी गई थी, उस जगह के ताले की चाबी संबंधित एजेंसी के पास है, लेकिन उसके बाद भी एक हजार से अधिक बैटरी कब और कैसे चोरी हुई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।