Noida News : नोएडा के सेक्टर-21ए में स्थित नोएडा स्टेडियम में एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां शीरोज कैफे चला रही हैं। हमारे देश में हर साल करीब 100 महिलाओं पर एसिड से अटैक किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको ऐसी लड़कियों को कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसके ऊपर एसिड अटैक हुआ और नोएडा में Sheroes Cafe चला रही है।
अंशु राजपूत की कहानी
शीरोज कैफे को चलाने वाली और एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु राजपूत ने बताया कि उनके साथ यह घटना तब हुई, जब वह महज 15 साल की थी। दरअसल, अंशु के पड़ोस में 55 वर्षीय एक व्यक्ति रहता था। अंशु उसे दादा कहती थी, लेकिन उसके मन में अंशु को लेकर पाप पनप चुका था। वो अंशु के साथ संबंध बनाना चाहता था। जब अंशु ने इसका विरोध किया तो एक दिन उसने अंशु पर एसिड से हमला कर दिया।
'शीरोज कैफे' नाम कैसे पड़ा
दिल्ली-एनसीआर का यह पहला ऐसा कैफे है, जिसे एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां चलाती हैं। इस कैफे का नाम शीरोज है। यह शब्द शी और हीरोज से मिलकर तैयार हुआ है। इस कैफे को 7 एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां मिलकर चला रही हैं। यह सब वो लड़कियां है, जो इस हादसे के बाद महीनों और सालों तक अपने चेहरे को आईने में भी नहीं देख पा रही थीं, बाहर जाना तो बहुत दूर की बात थी, लेकिन अब यह लड़कियां अपने चेहरे तो छुपा कर नहीं, बल्कि सबके सामने आकर जमकर मेहनत करती हैं और अपना घर चला रही हैं।
नोएडा अथॉरिटी ने बढ़ाया मदद का हाथ
इस कैफे के लिए नोएडा स्टेडियम में जगह नोएडा अथॉरिटी ने दी। इन लड़कियों की मदद एक फाउंडेशन ने भी की। जिन लड़कियों को इन घटनाओं के बाद नौकरी नहीं मिलती, जो अपनी मेहनत से अपना घर चलाना चाहती हैं। उन लड़कियों के लिए यहां के दरवाजे खुले हैं। इस कैफे को चलाने वाली 7 लड़कियां अपने हौसले से आने वाले समय में एसिड विक्टिम्स के साथ कंधे से कधा मिलाकर खड़ी रहना चाहती हैं और यह भी कहती हैं कि वह किसी भी ऐसी लड़की का हाथ नहीं छोड़ेंगे, जिसके साथ ऐसी कोई घटना हुई है।