Tricity Today | सुहास एलवाई से पीएम मोदी ने की बात
NOIDA : गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल-4 में सिल्वर मेडल जीतकर विश्व में परचम लहराया है। सुहास एलवाई ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन कॉल पर बातचीत करके बधाई दी है।
भगवान और देशवासियों का आर्शीवाद मिला : सुहास एलवाई
सुहास एलवाई ने पीएम मोदी को धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस सफर में भगवान और देशवासियों का आर्शीवाद उनके साथ रहा।" सुहास ने पीएम मोदी से कॉल पर बात करते हुए कहा कि "टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले सामने कौन है। इस पर ध्यान दिए बिना हमें केवल अपने गेम पर फोकस करना है। इससे हमें बहुत हौसला मिला।"
मैं भगवान को कोसता था लेकिन अब बहुत गौरवांवित महसूस हुआ
सुहास ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि "मैं एक बहुत ही छोटे से शहर का रहने वाला हूं। जब मैं छोटा था तो कभी सोचना नहीं था कि जिंदगी में आईएएस बनूंगा, कलेक्टर बनूंगा या पैरालंपिक में मेडल मिलेगा लेकिन भगवान की कृपा और आपके आशीर्वाद से यहां तक आया। एक समय था जब मैं सोचता था कि ऊपर वाले ने मुझे दिव्यांग बना दिया है। मेरे साथ ऐसा क्यों किया है। लेकिन आज आपके साथ बात करने का मौका मिला है। मैं बहुत गौरवांवित महसूस कर रहा हूं।"
पीएम मोदी ने कहा- उत्तर प्रदेश आपका इंतजार कर रहा
पीएम मोदी ने सुहास को कॉल पर बताया कि "आपके अंदर जो शारिरिक कमी थी, आपने उसे अपनी शक्ति में परिवर्तित कर लिया। आज उसी का परिणाम है कि देश का प्रधानमंत्री भी आपको फोन करने के लिए लालायित होता है। ये आपका अपना पराक्रम है आपका आत्मविश्वास है। और यह तो दुनिया का नियम है कि जो लोग निरंतर मेहनत करते रहते हैं वो कहीं पहुंच जाते हैं। तो आपने आज करके दिखाया है, इसके लिए आपको मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई है। अब उत्तर प्रदेश आपका इंतजार कर रहा है।"
सुहास एलवाई हुए भावुक और पिता को याद किया
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने से पहले मैच के तुरंत बाद उन्होंने मीडिया को औपचारिक प्रतिक्रिया दी। इस दौरान सुहाष एलवाई भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने कहा, "ओलंपिक और पैरा ओलंपिक दुनिया में सबसे बड़ी खेल स्पर्धा हैं। किसी भी खिलाड़ी के लिए यहां तक पहुंचना सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। यहां आकर रजत पदक जीतना बहुत बड़ा फासला तय करना है। इसके लिए मैं अपने प्रशंसकों का शुक्रगुजार हूं। मैं अपने स्वर्गीय पिताजी को याद करता हूं। उनकी बदौलत आज मैं यहां तक पहुंच पाया और यह कामयाबी हासिल की है। आने वाले समय में और बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करूंगा।" आपको बता दें कि फिलहाल सुहास एलवाई दुनिया के नंबर-3 बैडमिंटन खिलाड़ी थे। ओलंपिक में यह कारनामा करने के बाद उनकी रैंक में एक पायदान का सुधार हुआ है। अब वह दुनिया के नंबर दो खिलाड़ी बन गए हैं।"