सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत 

बड़ी खबर : सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत 

सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत 

Tricity Today | सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा

Noida News : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के चेयरमैन और प्रमोटर आरके अरोड़ा को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 700 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें रेगुलर जमानत दे दी है। इस मामले में घर खरीदारों की शिकायतों पर आईपीसी के तहत दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 26 प्राथमिकी एफआईआर दर्ज की गईं थी। जिसके बाद आरके अरोड़ा को साल 2022 में जून के महीने में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

क्या है पूरा मामला 
एडिशनल सेशन जज देवेंद्र कुमार जंगाला ने आरके अरोड़ा को जमानत दी है। इस मामले में एडवोकेट तनवीर अहमद मीर, एडवोकेट यश दत्त, एडवोकेट कार्तिक वेणु, एडवोकेट शाश्वत सरीन, एडवोकेट आरियाना अहलुवालिय और एडवोकेट वैभव सूरी ने दलीलें पेश की है। ईडी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुपरटेक लिमिटेड और उसकी ग्रुप कंपनियों के खिलाफ धारा 120B, 406, 420 और 467/471 के तहत केस दर्ज किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि सुपरटेक लिमिटेड की तरफ से जो पैसे जुटाए गए थे उन पैसों को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ग्रुप कंपनियों में डायवर्ट किए गए थे।

40 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त
आरके अरोड़ा के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। आरोप है कि सुपरटेक ने कई निवेशकों से मकान के नाम पर पैसे लिए लेकिन इन लोगों को अब तक मकान नहीं दिया गया। पिछले साल अप्रैल के महीने में ईडी ने रियल एस्टेट ग्रुप और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति भी जब्त कर ली थी। दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले के सेक्टर-96 में स्थित सुपरटेक के कार्यालय को जांच एजेंसी ने सील कर दिया था। आरके अरोड़ा के खिलाफ 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई थी।

30 दिनों की अंतरिम जमानत
इससे पहले इसी साल जनवरी के महीने में सुपरटेक के चेरमैन आरके अरोड़ा को अदालत ने मेडिकल ग्राउंड पर 30 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। जमानत के लिए आरके अरोड़ा की तरफ से उस वक्त दलील दी गई थी कि उनका दस किलोग्राम वजन कम हो गया है। अदालत ने उस वक्त अंतरिम जमानत देते हुए आरके अरोड़ा को हिदायत दी थी कि वो अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को दें। साथ ही अदालत ने यह भी कहा था कि वो इस मोबाइल नंबर को हमेशा सक्रिय रखें और स्विच ऑन रखें।

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