Noida News : नोएडा प्राधिकरण के बाद सुपरटेक एमराॅल्ड (Supertech Emerald) मामले में दूसरे विभागों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। सुपरटेक मामले को लेकर अग्निशमन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद डीजी मुख्यालय ने जांच प्रारंभ कर दी है।
इन 6 अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के पत्र में कहा गया है कि सुपरटेक एमराॅल्ड कोर्ट मामले में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बढ़ती गई है। उन्होंने फायर सर्विस के डीजी को 10 जुलाई 2014 से 31 जुलाई 2015 तक मेरठ और गौतमबुद्ध नगर के 6 अग्निशमन अधिकारियों के पद पर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने इन 6 अधिकारियों पर कार्रवाई कर और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए कहा है।
उनके निर्देश के बाद डीजी मुख्यालय ने जांच प्रारंभ कर दी है। अग्निशमन के 12 साल की अवधि के दौरान रहे अधिकारियों की भूमिका की जांच करके उसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जांच शुरू होने के बाद बात से विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि इस मामले में डीजे मुख्यालय से जांच चल रही है और वहीं से ही रिपोर्ट को तैयार करके शासन को भेजा जाना है।
आरपी सिंह त्यागी (मेरठ) 10 जुलाई , 2004 से 31 मई 2005
अरूण चतुर्वेदी (मेरठ ), 16 जून 2005 से 17 जनवरी 2007
आईएस सोनी (मेरठ), 17 जनवरी 2007 से 7 अप्रैल 2012
महावीर सिंह (नोएडा), 26 फरवरी 2009 से 3 अप्रैल 2012
अमन शर्मा (नोएडा), 4 अप्रैल 2012 से 15 दिसंबर 2012
मुनेन्द्र कुमार त्यागी (नोएडा), 16 दिसंबर 2012 से 31 जुलाई 2015
यह है मामला
नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक एमराॅल्ड प्रोजेक्ट के ट्विन टावर को गिराने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक इस ट्विन टावर को गिराया नहीं गया है। इन दोनों टावरों में 950 से अधिक फ्लैट बनाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने टावर को गिराने का पहला आदेश 2014 में दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त 2021 को ट्विन टावर को गिराने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एंब्रॉयड के ट्विन टावर को 30 नवंबर 2021 तक गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन अभी तक ट्विन टावर को गिराया नहीं गया है। इसको गिराने की योजना बिल्डर प्राधिकरण में जमा नहीं कर सका है।
विजिलेंस में दर्ज हो चुका मुकदमा
मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद एसआईटी को जांच करने का आदेश दिया था। अबेद टावर बनाने की जांच में 26 अधिकारी और सुपरटेक कंपनी के 4 निर्देशक जिम्मेदार पाए गए। इसमें से प्राधिकरण के दो कर्मियों की मौत हो चुकी है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से विजिलेंस लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। जिस पर कार्रवाई करते हुए शासन ने नियोजन विभाग के तीन अधिकारी कर्मियों को निलंबित कर दिया।