Noida News : सुपरटेक बिल्डर की सुपरटेक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दिवालिया होने से सुपरनोवा में रह रहे और रहने आने वाले, दोनों तरह के खरीदारों की चिंता बढ़ गई है।परियोजना में रहे फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। इस बीच सुपरटेक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड अगले सप्ताह नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का रुख करेगी। कंपनी अपनी सुपरनोवा आवासीय परियोजना के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के विरुद्ध अपील दायर करेगी। सुपरटेक का दावा है कि वह इस हाई-प्रोफाइल परियोजना को पूरा कर लेगी और बकायेदारों का भी भुगतान हो जाएगा।
सीओसी का गठन
दरअसल, बैंक ऑफ महाराष्ट्र की अपील पर एनसीएलटी ने नोएडा सेक्टर-94 की सुपरनोवा परियोजना के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने की मंजूरी दे दी है। साथ ही इस परियोजना के लिए एक आईआरपी (प्रबंधक) की नियुक्ति भी कर दी गई है। आईआरपी के नेतृत्व में ही इस फंसी हुई परियोजना को उबारने की कोशिश की जाएगी। नियमानुसार, इस 270 दिन की दिवालिया प्रक्रिया में सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर्स) शामिल होंगे। प्रक्रिया के तहत सबसे पहले एक कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) का गठन किया जाएगा। इसमें वे सभी एजेंसियां शामिल होंगी, जिन्होंने इस परियोजना में निवेश किया है। हालांकि, फाइनेंशियल और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के तौर पर अलग-अलग एजेंसियां होंगी।
संपत्ति बेचकर जुटाया जाएगा पैसा
इसके बाद आईआरपी सीओसी की बैठक बुलाएगा और परियोजना को उबारने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान एक समाधान योजना भी तैयार की जाएगी। संभव है कि किसी को-डेवलपर के माध्यम से परियोजना का काम पूरा कराया जाए। साथ ही अब की संपत्तियों को बेचकर भी पैसा जुटाया जा सकता है, जो भी पैसा इस परियोजना से आएगा, वह सबसे पहले फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को दिया जाएगा। हालांकि, यह मामला नोएडा और आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट क्षेत्र में चल रहे संकट को दर्शाता है। कई बड़ी कंपनियां भारी मुश्किलों में फंस गई हैं और उनके प्रोजेक्ट लंबित हैं। वहीं, नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना में उनकी करीब 2 हजार से 2,500 करोड़ रुपये की रकम बकाया है।
एनसीएलएटी में अपील दायर करेंगे: बिल्डर
इस मामले में सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा का कहना है कि खरीदारों के हित को देखते हुए एनसीएलटी के इस आदेश के खिलाफ अब एनसीएलएटी में अपील करेंगे। हमारे ग्राहकों और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। फंड इकहा करने को लेकर हमारी बातचीत बल रही है। सुपरनोवा परियोजना का अधिकांश हिस्सा पूरा हो चुका है।