गौतमबुद्ध नगर के किरायदारों ने बिजली निगम को पहुंचाया एक करोड़ का नुकसान, 10 लाख से अधिक यूनिट स्टोर मिलीं

बड़ी खबर : गौतमबुद्ध नगर के किरायदारों ने बिजली निगम को पहुंचाया एक करोड़ का नुकसान, 10 लाख से अधिक यूनिट स्टोर मिलीं

गौतमबुद्ध नगर के किरायदारों ने बिजली निगम को पहुंचाया एक करोड़ का नुकसान, 10 लाख से अधिक यूनिट स्टोर मिलीं

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Noida News : विधुत निगम के द्वारा गौतमबुद्ध नगर में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जिस अभियान के चलते शहर में बिजली चोरी के नए मामले सामने आए है। विद्युत निगम को 8 हजार मीटरों में रीडिंग स्टोर मिली है। बिजली मीटरों में लगभग 10 लाख से अधिक यूनिट स्टोर मिली है। जिनकी कीमत 90 लाख से एक करोड़ रुपए आंकी जा रही हैं। जिससे विभाग को काफी अधिक राजस्व नुकसान हुआ है। जिन राज्यों के मीटरों मे रीडिंग स्टोर मिली है, उनके मीटर रीडर पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधुत निगम द्वारा नेतृत्व एजेंसी को पत्र लिखकर चेतावनी दी गई है। 

हर उपभोक्ता के मीटर के होगी जांच 
रीडिंग स्टोर के 8 हजार मामलों में लगभग 80 से 90 प्रतिशत मकान में किराएदार रहते हैं। किराएदार मीटर रीडर से आपसी तालमेल बिठाकर कम यूनिट का बिल तैयार करा लेते हैं। जिससे रीडिंग स्टोर होती चली जाती है। जिसकी वजह से विद्युत निगम को लाइन लॉस बढ़ रहा है। मीटर रीडिंग स्टोर होने का पता चलने पर विधुत निगम ने अभियान की रफ्तार तेज कर दी है। अब हर उपभोक्ता के मीटर की जांच की जाएगी। 

2,000 करोड़ रुपए का बिल बकाया 
जिले में विधुत निगम के सवा तीन लाख उपभोक्ता हैं। सवा तीन लाख उपभोक्ताओं मे से 65 हजार ऐसे उपभोक्ता है। जिन्होंने बिजली बिल जमा नहीं किया हैं। विधुत निगम का बकायेदार उपभोक्ताओं पर 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बिल बकाया है। अब विधुत निगम ने बकायेदारों पर लगाम कसने के लिए कुछ कदम उठाए है। बिजली चोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

ऐसी होती है रीडिंग स्टोर 
नोएडा सेक्टर-63ए स्थित एसके सिंह का मकान है। एसके सिंह अपने पूरे परिवार के साथ गुरूग्राम में रहते हैं। सेक्टर-63ए स्थित उनके मकान में किराएदार रहते हैं। किरायेदारों ने मीटर रीडर से तालमेल बिठा ली और बिल कम करा लिया। किराएदार लगभग हर महीने 6 हजार रुपए से अधिक की बिजली का उपयोग करते हैं, लेकिन हर महीने का बिल 2 हजार रुपऐ आता है। धीरे-धीरे मीटर रीडिंग स्टोर होती जाती हैं। जांच के दौरान बिजली मीटर में 44 हजार रीडिंग स्टोर मिली। जिसका बिल विधुत निगम ने मकान मालिक को थमा दिया।

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