ग्रेटर नोएडा वेस्ट और 7X सेक्टर समेत इन 8 हॉटस्पॉट से हो रही हवा विषैली, निपटने के लिए विभाग ने बनाई योजना, देखें लिस्ट

वायु प्रदूषण : ग्रेटर नोएडा वेस्ट और 7X सेक्टर समेत इन 8 हॉटस्पॉट से हो रही हवा विषैली, निपटने के लिए विभाग ने बनाई योजना, देखें लिस्ट

ग्रेटर नोएडा वेस्ट और 7X सेक्टर समेत इन 8 हॉटस्पॉट से हो रही हवा विषैली, निपटने के लिए विभाग ने बनाई योजना, देखें लिस्ट

Google Image | वायु प्रदूषण

Gautam Buddh Nagar : अक्टूबर के आगमन के साथ ही गौतमबुद्ध नगर समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या शुरू हो गई है। धीरे-धीरे हवा की गुणवत्ता सामान्य से खराब श्रेणी की तरफ बढ़ रही है। हर साल की तरह इस विकराल समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 8 हॉटस्पॉट की पहचान की है। विभाग की कोशिश है कि पॉल्यूशन फैलाने वाले सभी हॉटस्पॉट और उन वजहों को नियंत्रित कर इसे रोका जाए। ताकि लोगों को इस गंभीर समस्या से निजात मिल सके। यूपीपीसीबी के अफसरों ने जिला प्रशासन को इस संबंध में हिदायत दी है।

विभाग के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, 7X सेक्टर, सेक्टर-150, यूपीएसआईडीए औद्योगिक क्षेत्र, अंडरपास, हिंडन पुश्ता, दादरी रोड, पूरा ग्रेटर नोएडा वेस्ट और एक्सप्रेसवे के किनारे के कुछ निर्माण स्थल शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश हॉटस्पॉट में प्रदूषण के स्रोत सड़क की धूल और निर्माण गतिविधियां हैं। एक्सप्रेसवे के साथ और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में यातायात भी एक प्रमुख मुद्दा है। जबकि बिना पक्के क्षेत्र यूपीएसआईडीए क्षेत्रों में प्रदूषण को बढ़ाते हैं।

हर विभाग की जिम्मेदारी है
जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से लागू की गई कार्य योजना में सभी विभागों की भूमिका का उल्लेख है। यूपीपीसीबी नोएडा के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा. “अधिकारियों को प्रतिदिन रिपोर्ट करना पड़ता है। इसके अलावा हमने उन्हें एनजीटी मानदंडों के उल्लंघनकर्ताओं को दंडित करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) बनाने के लिए कहा है।” डीएम सुहास एलवाई ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी हर कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय प्रदूषक समस्या को न बढ़ाएं। अधिकारियों और विभागों को अपने क्षेत्रों में नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।” 

15 अक्टूबर तक गठित होगी टीम
विभाग ने कई अहम प्रोजेक्ट के लिए 15 अक्टूबर की डेडलाइन तय की है। इस समयसीमा के अंदर क्यूआरटी का गठन तथा निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन की स्थापना और संचालन शुरू हो जाएगा। सभी स्वीकृत खनन स्थल पर धूल कम करने के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोकने वाले उपकरणों का संचालन शुरू कराया जाएगा। साथ ही मिस्ट स्प्रिंकलर और नियमित यांत्रिक सफाई सुनिश्चित करनी होगी।

इनका पालन कराया जाएगा
साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अपशिष्ट सामग्री को ढंक कर लाया जा रहा है। शहर में सिर्फ स्वीकृत हॉट मिक्स प्लांट संचालित होंगे और कोई अनधिकृत खनन स्थल नहीं चलेगा। यातायात से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पूरे इंतजाम किये जाएंगे। जनपद में जाम मुक्त यात्रा का प्रबंध किया जाएगा। अधिकारियों को सीपीसीबी द्वारा सुझाए गए धूल दमन के लिए पॉलिमर का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है।

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