डीएम मनीष वर्मा किसानों के बीच पहुंचे, सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा बताई, धरना खत्म

नोएडा से बड़ी खबर : डीएम मनीष वर्मा किसानों के बीच पहुंचे, सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा बताई, धरना खत्म

डीएम मनीष वर्मा किसानों के बीच पहुंचे, सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा बताई, धरना खत्म

Tricity Today | धरना खत्म

Noida News : नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। पिछले दो महीना से नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और सेक्टर-24 में स्थित एनटीपीसी (NTPC) में चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) स्थगित कर दिया गया है। शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा (DM Manish Kumar Varma) और किसानों के बीच एनटीपीसी पर कुछ मुद्दों को लेकर समझौता हुआ है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा (Greater Noida Authority) और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) से प्रभावित किसानों की समस्याओं का समाधान तलाश करने के लिए 3 अधिकारियों की समिति का गठन किया। इस समिति के सदस्य जिले के डीएम भी हैं।
 
डीएम ने किसानों के बीच आकर समझी समस्याएं
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि डीएम मनीष वर्मा किसानों को समझौते के अनुसार कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला है। किसानों को भी ऐसे सकारात्मक डीएम से कार्रवाई की पूरी उम्मीद है। डीएम ने धरना स्थल पर आकर किसानों की पीड़ा को समझा है। किसानों की सभी समस्याओं को गंभीरता के साथ हल करने का वादा किया है। सुखबीर खलीफा ने कहा कि यह लड़ाई लोगों की सामूहिक भावना के आधार पर जीती गई है। इसके अलावा उन्होंने आंदोलन के दौरान दिन-रात भूमिका निभाने वाली महिलाओं और किसानों का आभार प्रकट किया। सभी किसानों ने इंकलाबी नारे लगाए और भविष्य की लड़ाई के लिए मुस्तादी के साथ तैयारी करने का वादा किया।

डीएम ने किसानों के बीच आकर अपना वादा किया
नोएडा के किसान नेता अतुल यादव ने बताया कि किसानों को समझौते के अनुसार कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन मिला है। किसानों को ऐसे सकारात्मक डीएम से कार्रवाई की पूरी आशा है। डीएम ने धरना स्थल पर आकर किसानों से वादा किया कि वह भी किसान परिवार से हैं और किसानो की सभी समस्याओं को गंभीरता के साथ हल करने का काम करेंगे। वहीं, किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि यह लड़ाई लोगों की सामूहिक भावना के आधार पर जीती गई। विपक्षी पार्टियों और सभी किसान संगठनों का भूतपूर्व सहयोग मिलने की वजह से लड़ाई अपने मुकाम तक पहुंची है।

क्या है पूरा मामला
गौतमबुद्ध नगर के किसानों से विकास योजनाओं के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों ने ज़मीन ली है। बदले में किसानों को मुआवज़ा और विकसित आबादी के भूखंड आवंटित किए जाते हैं। प्राधिकरणों की ओर से शहर के अस्पतालों और स्कूलों में किसान परिवारों को आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में किसान परिवारों के युवाओं को नौकरी देने के प्रावधान भी है, लेकिन यह सारे लाभ किसानों को नहीं मिल रहे हैं। दस फीसदी आबादी भूखंड, 64.7% अतिरिक्त मुआवज़ा, स्कूलों-अस्पतालों में दाख़िले और स्थानीय औद्योगिक इकाइयों में नौकरियों की मांग को लेकर पिछले क़रीब दो वर्षों से किसान आंदोलित हैं। रह रहकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर लंबे धरने प्रदर्शन चल रहे हैं। अब जब पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं तो गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने भी अपना आंदोलन तेज कर दिया है। ज़िले के किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इस स्थिति को संभालने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर के किसान आंदोलन का संज्ञान लिया है। किसानों की समस्या सुनने और उनका समाधान निकालने के लिए राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। दोनों में अथॉरिटी ने करीब 100 करोड़ रुपए के अवैध निर्माण को हटाया है। इस अभियान के तहत बृहस्पतिवार को भी वर्क सर्किल-10 की टीम ने प्राधिकरण पुलिस और स्थानीय पुलिस की मदद से गढ़ी समस्तीपुर में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। गांव में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने के दौरान स्थानियों ने रोकने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस के समझाने के बाद वो शांत हो गए। 
 

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